पटना, 17 जून 2025 — बिहार सरकार ने राज्य की पांच प्रमुख नदियों में बालू के जमाव की जांच के लिए वैज्ञानिक अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। अध्ययन के बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर पर्यावरण अनुकूल तरीके से बालू निकासी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इन पांच नदियों का होगा पुनर्भरण अध्ययन
राज्य सरकार ने सोन, कियूल, फल्गु, मोरहर और चानन नदियों में वर्षा ऋतु के दौरान बालू के जमाव (सेंड डिपॉजिट्स) का अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। इस कार्य के लिए सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (CMPDI) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस अध्ययन पर कुल ₹2,58,61,352 (दो करोड़ अट्ठावन लाख इकसठ हजार तीन सौ बावन रुपये) खर्च किया जाएगा।
रिपोर्ट के आधार पर होगी बालू की निकासी
खान एवं भूतत्व विभाग के अनुसार, CMPDI द्वारा तैयार की जाने वाली रिपोर्ट से यह जानकारी मिलेगी कि किस नदी में कितना बालू जमा हुआ है। इस डेटा के आधार पर जिला खान सर्वेक्षण प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक तरीके से बालू की निकासी की जा सकेगी।
कैबिनेट की बैठक में लिए गए कुल 20 फैसले
गौरतलब है कि आज की कैबिनेट बैठक में कुल 20 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बालू खनन से संबंधित यह प्रस्ताव भी इन्हीं में से एक था, जो राज्य में सतत विकास और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।