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पाकिस्तान से बातचीत केवल आतंकवाद पर ही होगी: विदेश मंत्री एस. जयशंकर

ByKumar Aditya

मई 15, 2025
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नई दिल्ली | 15 मई 2025: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को दो टूक शब्दों में स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार की बातचीत केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही होगी।

नई दिल्ली में होंडुरास के दूतावास के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में जयशंकर ने कहा,
“प्रधानमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पाकिस्तान से बातचीत का एजेंडा सिर्फ आतंकवाद होगा। पाकिस्तान को पता है उसे क्या करना है—आतंकियों को सौंपना और आतंकी ठिकानों को खत्म करना। हम सिर्फ आतंकवाद पर बात करेंगे।”

पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा अंतरराष्ट्रीय समर्थन

जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत को विश्व समुदाय से भरपूर समर्थन मिला। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी।

उन्होंने बताया कि दुनिया के कई देशों के नेताओं और मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी और उन्हें फोन कर संवेदना जताई और भारत के साथ खड़े रहने का भरोसा दिया। साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक प्रस्ताव पारित कर दोषियों को सजा देने की मांग की।

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से आतंकियों को मिली सज़ा

विदेश मंत्री ने जानकारी दी कि भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर निर्णायक कार्रवाई की।
“हमने पाकिस्तान को पहले ही सूचित किया था कि यह कार्रवाई केवल आतंकियों के खिलाफ होगी और सेना को इससे दूर रहना चाहिए, लेकिन उन्होंने नहीं मानी। 10 मई की सुबह उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा,” जयशंकर ने कहा।
उन्होंने बताया कि सैटेलाइट इमेज से यह स्पष्ट हो चुका है कि भारत की कार्रवाई से आतंकियों के बुनियादी ढांचे को गंभीर क्षति पहुंची है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना का किया उत्साहवर्धन

इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर स्थित बडामी बाग कैंटोनमेंट (15 कॉर्प्स मुख्यालय) में सैनिकों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा,
“ऑपरेशन सिंदूर भारत का अब तक का सबसे बड़ा आतंकवाद विरोधी अभियान था। हमारे सिर पर हमला करने की कोशिश करने वालों को हमने छाती पर वार कर मुंहतोड़ जवाब दिया।”

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत संघर्षविराम समझौते का पालन तभी करेगा जब देश पर कोई आतंकी हमला नहीं होगा। उन्होंने यह भी मांग की कि पाकिस्तान की परमाणु सुविधा पर वैश्विक निगरानी रखी जानी चाहिए।


 

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