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पटना, 10 जुलाई: बिहार सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत गुरुवार को राज्य की तीन प्रमुख एजेंसियों—आर्थिक अपराध इकाई (EOU), विशेष निगरानी इकाई (SVU) और निगरानी अन्वेषण ब्यूरो—ने संयुक्त रूप से पांच भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की। इनमें आय से अधिक संपत्ति और रिश्वतखोरी के मामले शामिल हैं।


EOU की छापेमारी: 310% से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप

आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (BSEIDC) के निलंबित कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार के पटना, सहरसा और सीतामढ़ी स्थित छह ठिकानों पर छापेमारी की। प्रारंभिक जांच में अभियंता के पास से:

  • ₹5.29 लाख नकद
  • ₹3.55 करोड़ से अधिक मूल्य के ज़मीन से संबंधित दस्तावेज
  • ₹18.85 लाख बैंक खातों में जमा
  • ₹11 लाख की गाड़ी
    बरामद की गई।

जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि अभियंता ने झारखंड और सीमावर्ती राज्यों में भी बेनामी संपत्ति अर्जित की है। छापेमारी के दौरान अभियंता फरार रहा।


पटना: प्रधान लिपिक अशोक वर्मा घूस लेते गिरफ्तार

विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने पटना जिला शिक्षा कार्यालय (D.E.O.) में तैनात प्रधान लिपिक अशोक कुमार वर्मा को ₹1 लाख रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
अशोक वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला कर्मचारी के मातृत्व अवकाश की स्वीकृति के लिए ₹1.5 लाख रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतकर्ता राकेश कुमार द्वारा दी गई सूचना पर निगरानी की टीम ने ट्रैप ऑपरेशन चलाकर वर्मा को पकड़ा। उनके आवास और कार्यालय में भी तलाशी ली गई है।


किशनगंज: निगरानी टीम ने अमीन को रिश्वत लेते पकड़ा

किशनगंज में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जिला भू-अर्जन कार्यालय में कार्यरत अमीन निरंजन प्रसाद दांगी को ₹1 लाख रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा।
शिकायतकर्ता अजमेर आलम ने बताया कि महानंदा नदी पर बाढ़ तटबंध निर्माण परियोजना के लिए अधिग्रहित 71 डिसमिल ज़मीन के ₹16 लाख मुआवजा भुगतान के एवज में अमीन द्वारा ₹2 लाख की रिश्वत की मांग की जा रही थी।

कार्रवाई के दौरान निगरानी टीम ने:

  • ₹2.66 लाख नकद
  • ज़मीन से संबंधित मूल दस्तावेज
    जब्त किए हैं। आरोपी को जिला परिषद कार्यालय गेट के बाहर गिरफ्तार किया गया।

सरकार की स्पष्ट मंशा: भ्रष्टाचार पर कठोर कार्रवाई

इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार भ्रष्टाचार के प्रति किसी भी प्रकार की सहनशीलता नहीं रखती। मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाए जा रहे इस विशेष अभियान के तहत सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जनहित में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।