मुख्य बिंदु :
- महिला संवाद कार्यक्रम में उद्यमी महिलाओं ने साझा किया अपना अनुभव
- बिहार सरकार की योजनाओं से महिलाओं को मिला आत्मनिर्भर बनने का अवसर
- केक, पनीर, मसाले, अगरबत्ती, पेपर प्लेट और सिल्क कपड़े बना रहीं महिलाएं
- स्थानीय बाजार सुविधा की मांग, ताकि व्यवसाय और रोजगार दोनों बढ़े
- अधिकारियों ने दिया सहयोग का भरोसा
भागलपुर, 10 जून 2025।कभी घर-परिवार तक सिमटी महिलाएं अब अपने व्यवसाय की पहचान बना रही हैं। बिहार सरकार की योजनाओं और प्रोत्साहन ने गांव की महिलाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित किया है। मंगलवार को भागलपुर में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में जिले की महिला उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं।
महिलाओं ने बताया सफलता का सफर
कार्यक्रम में महिलाओं ने बताया कि कैसे उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण, अगरबत्ती निर्माण, सिल्क वस्त्र, मसाला उत्पादन, पेपर प्लेट और धातु से बनी वस्तुओं के व्यवसाय की शुरुआत की।
सबौर प्रखंड की वीभा रानी ने कहा कि तुलसी जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्हें सस्ते दर पर ऋण और प्रशिक्षण मिला। इसके बाद केक और पनीर बनाने का व्यवसाय शुरू किया। आज उनका सालाना कारोबार 13 लाख रुपये से अधिक है।
शाहकुंड प्रखंड की कल्याणी देवी ने भी बताया कि उन्होंने चटोरे नमकनी नामक खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की और अब मुनाफे में काम कर रही हैं।
बाजार सुविधा की उठी मांग
कार्यक्रम में महिलाओं ने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए स्थानीय बाजार सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग की। उनका कहना था कि अगर तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए बेहतर बाजार व्यवस्था हो, तो उनके व्यवसाय का विस्तार और अधिक रोजगार सृजन संभव है।
अधिकारियों का आश्वासन
कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने महिलाओं को हरसंभव सहायता और जल्द ही बाजार सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।