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बिहार के 10 जिलों में 1308 जनजातीय परिवारों को मिलेगा पक्का मकान, PM-JANMAN योजना से नई उम्मीद

ByKumar Aditya

जून 10, 2025
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पटना, 10 जून।बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आज एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (PM-JANMAN) के तहत प्रदेश के 10 जिलों के 1308 जनजातीय परिवारों को पक्का मकान दिया जाएगा। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।

2.39 लाख रुपये की मिलेगी कुल सहायता राशि

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये की सहायता राशि चार किस्तों में दी जाएगी। इसके अलावा मनरेगा मजदूरी के रूप में 27,000 रुपये और स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपये की राशि भी दी जाएगी। इस तरह हर परिवार को कुल 2.39 लाख रुपये की वित्तीय मदद मिलेगी।

किन जिलों के लोग होंगे लाभान्वित?

सरकार ने इस योजना के लिए बांका, कैमूर (भभुआ), भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, नवादा, पूर्णिया और सुपौल जिलों के असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहइया, सौरियापहाड़िया और सावर जनजातियों के परिवारों को चिन्हित किया है।

कितनी किस्तों में मिलेगी राशि?

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की तर्ज पर PM-JANMAN योजना में सहायता राशि चार किस्तों में दी जाएगी।

  • प्रथम किस्त : ₹50,000 — आवास स्वीकृति के बाद
  • द्वितीय किस्त : ₹50,000 — प्लिंथ तक निर्माण पूरा होने पर
  • तृतीय किस्त : ₹50,000 — लिंटर तक कार्य पूरा होने पर
  • चौथी किस्त : ₹50,000 — फिनिशिंग कार्य पूरा होने पर

पात्रता के लिए ये दो शर्तें अनिवार्य

सम्राट चौधरी ने स्पष्ट किया कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा:

  1. जिनके पास पहले से पक्का मकान नहीं है।
  2. परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में नहीं होना चाहिए।

60:40 के अनुपात में होगी केंद्र और राज्य की भागीदारी

इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी 60:40 के अनुपात में होगी। पात्र परिवारों की पहचान के लिए सर्वे कराया जा रहा है और लाभार्थियों को ‘आवास’ सॉफ्ट पोर्टल पर निबंधित किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने दिया पारदर्शिता का निर्देश

सम्राट चौधरी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि योजना का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए ताकि कोई पात्र परिवार इस अधिकार से वंचित न रह जाए।


 

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