
मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना में महिला किसानों की बढ़ती भागीदारी
पटना, 5 जून 2025।बिहार में खेती को लाभकारी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महिला किसान भी अब बड़ी भूमिका निभा रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर शुरू की गई मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना के तहत महिला किसानों ने बड़ी संख्या में आवेदन कर इस योजना का लाभ उठाया है।
लघु जल संसाधन विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 से अब तक राज्य के 20,228 किसानों ने 115.74 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान प्राप्त किया है। इसमें से 3,877 महिला किसानों को अपने खेतों में सिंचाई के लिए निजी बोरिंग लगाने हेतु 22.52 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
क्या है मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना
सात निश्चय-2 के तहत शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य असिंचित कृषि भूमि तक सिंचाई का पानी पहुंचाना है। दक्षिण बिहार के जल संकटग्रस्त इलाकों में राज्य सरकार ने पांच विभागों के माध्यम से 21,274 स्थलों का चयन किया है। पहले चरण में 18,747 स्थलों पर निजी नलकूप स्थापित करने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है।
योजना के तहत —
- सामान्य वर्ग को 50%
- पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को 70%
- अनुसूचित जाति व जनजाति के किसानों को 80% तक अनुदान का प्रावधान है।
कैसे उठाएं योजना का लाभ
इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जिनके पास न्यूनतम 0.40 एकड़ (40 डिसमिल) कृषि भूमि हो और जो पूर्व में किसी अन्य योजना से बोरिंग के लिए अनुदान नहीं ले चुके हों।
महिला सशक्तिकरण की नई तस्वीर
महिला किसानों की इस भागीदारी ने बिहार की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। अब महिलाएं भी खेती को रोजगार और आत्मनिर्भरता का मजबूत जरिया बना रही हैं।