
भागलपुर/नवगछिया। नवगछिया पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। बिहपुर थाना क्षेत्र में हुए एक हत्या कांड के आरोपी रंजीत मंडल को गिरफ्तार कर पुलिस ने एक अवैध हथियार निर्माण इकाई का भी भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में देशी कट्टा, अर्द्धनिर्मित हथियार और हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं।
मिर्जापुर घाट पर मिला था शव
नवगछिया एसडीपीओ ओमप्रकाश ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 24 जून 2025 को बिहपुर थाना को सूचना मिली थी कि नाथनगर निवासी चंचल मंडल के पुत्र का शव मिर्जापुर घाट के किनारे मिला है। सूचना मिलते ही बिहपुर अंचल निरीक्षक पवन कुमार सिंह और थानाध्यक्ष मनीष कुमार घटनास्थल पर पहुंचे और एफएसएल टीम द्वारा साक्ष्य संकलन कराया गया।
हत्या कांड दर्ज कर बनाई गई विशेष टीम
मृतक के पिता चंचल मंडल के फर्द बयान पर बिहपुर थाना कांड संख्या 161/25 दर्ज किया गया, जिसमें धारा 103 (1)/3 (5) बीएनएस एवं 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। नवगछिया पुलिस अधीक्षक प्रेरणा कुमार के निर्देश पर एसडीपीओ ओमप्रकाश के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
मुख्य आरोपी रंजीत मंडल गिरफ्तार
तकनीकी व मानवीय सूचना के आधार पर 27 जून को विशेष टीम ने मुख्य आरोपी रंजीत मंडल, पिता मनेजर मंडल, निवासी निरुद्दीनपुर, बिहपुर को मिर्जापुर घाट से गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने न सिर्फ हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकारी, बल्कि मिर्जापुर बिचली दियारा स्थित अवैध मिनीगन फैक्ट्री की जानकारी भी दी।
हथियार निर्माण इकाई से भारी मात्रा में बरामदगी
पुलिस टीम ने उसके निशानदेही पर:
- एक देशी कट्टा
- कई अर्द्धनिर्मित हथियार
- हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए।
पुलिस ने बरामद हथियारों के मामले में अलग से कांड दर्ज कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
फरार साथियों की तलाश जारी
एसडीपीओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने अपने अन्य साथियों के नाम का भी खुलासा किया है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान जारी है।
कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम
इस सफल ऑपरेशन में प्रमुख रूप से शामिल रहे:
- बिहपुर सर्किल इंस्पेक्टर पवन कुमार सिंह
- प्रभारी थानाध्यक्ष मनीष कुमार
- नवगछिया डीआईयू प्रभारी अमित कुमार
- पुअनि धर्मवीर कुमार
- सअनि अशोक कुमार
- सशस्त्र बल की टीम
पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ हत्या के मामले में अहम सफलता है, बल्कि क्षेत्र में सक्रिय हथियार तस्करों और निर्माताओं पर लगाम कसने की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित हुई है।