पटना, 07 मई: बिहार सरकार द्वारा जल संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए चलाया जा रहा ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान राज्य में हरियाली और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए एक प्रभावी पहल बन चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को की थी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में 528.87 करोड़ रुपये आवंटित
योजना एवं विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को 528.87 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। इसमें से 462.87 करोड़ रुपये राज्य योजनाओं के लिए और शेष केंद्र-राज्य हिस्सेदारी वाली योजनाओं के लिए रखे गए हैं।
2024-25 में 4.14 करोड़ पौधे लगाए गए
चतुर्थ कृषि रोड मैप (2023-28) के तहत 20 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्ष 2024-25 में 4.68 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य था, जिसमें से 4.14 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं।
कृषि वानिकी और निजी पौधशाला योजनाएं
कृषि वानिकी योजना के तहत किसानों ने 36.20 लाख पौधे लगाए, जबकि पॉपलर योजना में 1.48 लाख पौधों का रोपण हुआ। वहीं, जीविका दीदियों के माध्यम से 81.49 लाख पौधे लगाए गए हैं।
पौधशालाओं की स्थिति
राज्य में 246 विभागीय पौधशालाएं स्थापित की गई हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता 8 करोड़ पौधों की है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री निजी पौधशाला योजना के अंतर्गत 242 किसान और 303 जीविका पौधशालाएं स्थापित की गई हैं, जहां 1.09 करोड़ पौधे उत्पादित किए जाएंगे।
जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत बिहार सरकार द्वारा लगातार पौधारोपण, जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन के क्षेत्र में कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।