
पैसे न मिलने पर किसानों की भूख हड़ताल की चेतावनी, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
झारखंड: राज्य के 25 हजार से ज्यादा किसान इस वक्त बेहद परेशान और मायूस हैं। इन किसानों ने 5-6 महीने पहले सरकारी क्रय केंद्रों (पैक्स) में धान बेचा था, लेकिन अब तक उन्हें उसकी पूरी कीमत नहीं मिली है। सरकार के पास किसानों के करीब 290 करोड़ रुपये बकाया हैं।
हजारों किसानों को नहीं मिला एक भी रुपया
करीब 5 हजार किसान ऐसे हैं, जिन्हें धान बेचने के बाद अब तक एक रुपये का भी भुगतान नहीं मिला है। जबकि नियम के मुताबिक, फसल बेचने के 72 घंटे के भीतर आधी राशि और एक हफ्ते के अंदर पूरी रकम मिल जानी चाहिए थी।
भूख हड़ताल की चेतावनी
अब किसान संगठन चेतावनी दे रहे हैं कि अगर 15 दिनों के अंदर भुगतान नहीं हुआ, तो वे राजभवन (रांची) के सामने भूख हड़ताल पर बैठेंगे। यह मामला राज्य के हर जिले के हजारों किसानों से जुड़ा है।
इस साल का लक्ष्य और असली स्थिति
सरकार ने इस साल 60 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 30 अप्रैल तक केवल 69% यानी करीब 40.08 लाख क्विंटल धान की खरीद हो पाई। इसके लिए कुल 962.10 करोड़ रुपये किसानों को मिलना चाहिए था, लेकिन अब तक सिर्फ 670 करोड़ का ही भुगतान हुआ है।
किसानों की चिंता: आगे की खेती कैसे होगी?
मानसून आने वाला है और किसान चिंतित हैं कि अगर जल्दी पैसा नहीं मिला, तो खेत की जुताई, बीज, खाद और बाकी तैयारियों के लिए पैसे कहां से आएंगे?
विपक्ष का हमला
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले प्रति क्विंटल 3100 रुपये में धान खरीदने का वादा किया था, जो अब जुमला साबित हो रहा है।