पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य की कानून-व्यवस्था और सुशासन पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के उम्मीदवार खुलेआम बंदूक और बारूद लेकर 40-40 लोगों के काफिले में घूम रहे हैं, लेकिन प्रशासन और चुनाव आयोग चुप्पी साधे बैठे हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा, “हत्या हुई किसी एक व्यक्ति पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई। नामजद FIR दर्ज होने के बावजूद अपराधी खुलेआम थानों के सामने से गुजर रहे हैं। यह कैसा सुशासन है?”
कानून-व्यवस्था पर सवाल
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं और सरकार चलाने वाले उन्हीं को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हत्या, रंगदारी, और अन्य गंभीर अपराधों में सत्ता पक्ष के लोग शामिल हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
उनका कहना है, “सत्ता पक्ष के अपराधियों को सुरक्षा दी जा रही है, जबकि विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। जनता देख रही है कि सुशासन का असली चेहरा क्या है।”
चुनाव आयोग पर हमला
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “चुनाव के बीच में ₹10,000 बांटे जा रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग कहीं नजर नहीं आ रहा है। आयोग को समय पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, मगर उसने आंखें मूंद लीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर सत्ता पक्ष के लोग किसी गतिविधि में शामिल होते हैं तो आयोग मौन रहता है, जबकि विपक्ष के खिलाफ तुरंत कार्रवाई कर दी जाती है।
तेजस्वी यादव ने कहा, “यह साफ दिखाता है कि कानून सिर्फ विपक्ष के लिए है, सत्ता पक्ष के लिए नहीं।”
जनता के फैसले पर भरोसा
तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार बिहार की जनता सब समझ चुकी है और भाजपा-एनडीए को सत्ता से बाहर करने का मन बना चुकी है। उन्होंने कहा कि लोग अब ऐसे नेताओं को वोट नहीं देंगे जो अपराधियों को संरक्षण देते हैं और कानून-व्यवस्था की अवहेलना करते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी, “इस बार जनता अपराध और भ्रष्टाचार की मिलीभगत को माफ नहीं करेगी। अपने मत से जनता बिहार में बदलाव लाएगी।”
राजनीतिक माहौल गरम
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में चुनावी प्रचार पूरी रफ्तार पर है। राज्य में हिंसा, आरोप-प्रत्यारोप और राजनीतिक बयानबाजी से माहौल गरम है।
नेता प्रतिपक्ष के बयानों ने कानून-व्यवस्था और चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है।