
पटना।राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने गुरुवार को बड़ी राजनीतिक घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बहुत जल्द महागठबंधन में शामिल होगी। साथ ही उन्होंने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की भी बात कही।
पटना स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में श्री पारस ने आरोप लगाया कि भाजपा और एनडीए की सहयोगी पार्टियां बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी संभावित हार से घबरा गई हैं और इसी कारण निर्वाचन आयोग के माध्यम से दलित और शोषित वर्गों के मतदाताओं को वोट देने के अधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
उन्होंने कहा,
“मतदाता पुनरीक्षण के नाम पर जन्म प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों की मांग की जा रही है, जो पूरी तरह से असंवैधानिक और जनविरोधी है। रालोजपा इसका पुरजोर विरोध करती है और न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी।”
महागठबंधन में आने के संकेत पर उठे सियासी सवाल
रालोजपा प्रमुख की यह घोषणा राज्य की राजनीति में हलचल पैदा करने वाली है। उनके इस बयान को एनडीए से अलग होने की औपचारिक घोषणा के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, महागठबंधन में शामिल होने से विपक्ष को दलित और पिछड़े वर्गों में मजबूती मिलने की संभावना जताई जा रही है।
प्रेस वार्ता में कई वरिष्ठ नेता रहे मौजूद
इस अवसर पर पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज पासवान, चंदन सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल, यशराज पासवान समेत कई वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे।