पटना, 8 जून।सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से के पुनर्निर्माण का कार्य आखिरकार शुरू हो गया है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा 6 जून 2025 से इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय, पटना के आदेश के आलोक में पियर-9 से पियर-13 तक के क्षतिग्रस्त अंश को नए सिरे से निर्मित किया जाएगा।
पहुँच पथ का निर्माण सबसे पहले
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह ने जानकारी दी कि परियोजना के प्रथम चरण में पहुँच पथ का निर्माण कराया जा रहा है, ताकि यातायात संचालन को शीघ्र बहाल किया जा सके। साथ ही, परिवर्तित सुपर-स्ट्रक्चर के अनुरूप IIT रुड़की की तकनीकी सलाह पर नींव (Well Foundation) में आवश्यक सुधार का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है।
Composite Beam Girders का होगा निर्माण
पुनर्निर्माण कार्य में Composite Beam (Girders) का निर्माण अनुमोदित कार्यशालाओं में आरेखन के अनुसार किया जाएगा। यह आधुनिक तकनीक के साथ स्ट्रक्चरल मजबूती और दीर्घकालीन टिकाऊपन को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
18 माह में कार्य पूरा करने का लक्ष्य
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से सहित पहुँच पथ और शेष बचे कार्यों को आगामी 18 माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दिशा में पुल निर्माण निगम के अभियंताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध रूप से संपन्न हो।
गुणवत्ता पर रहेगा विशेष ध्यान
निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पुल निर्माण निगम के अंतर्गत एक सशक्त परियोजना क्रियान्वयन इकाई (PIU) का गठन किया गया है। इसके अलावा, IIT और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों की स्वतंत्र तकनीकी टीम भी समय-समय पर साइट का निरीक्षण कर मार्गदर्शन दे रही है।
नियमित समीक्षा और निगरानी व्यवस्था
परियोजना की मासिक समीक्षा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष द्वारा की जाएगी। साथ ही, निगम के प्रबंध निदेशक प्रत्येक पखवाड़े स्थल निरीक्षण करेंगे। पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख (कार्य प्रबंधन) भी प्रतिमाह निरीक्षण कर विभागीय स्तर पर योजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
उम्मीदों को मिलेगा नया आधार
इस पुनर्निर्माण कार्य के पूरा होते ही सुल्तानगंज-अगुवानी घाट के बीच लोगों की बहुप्रतीक्षित सुविधा फिर से बहाल हो जाएगी और क्षेत्रीय आवागमन व कारोबार को नई रफ्तार मिलेगी। स्थानीय जनता और व्यापारी वर्ग के लिए यह परियोजना काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।