नई दिल्ली – नौकरी के बदले ज़मीन घोटाले में राउज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव पर गंभीर आरोप लगाए। सीबीआई ने कहा कि उनके कार्यकाल में रेलवे की ग्रुप-डी भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं और बदले में लालू यादव या उनके परिवार को बेहद कम कीमत पर जमीनें दी गईं।
सीबीआई की दलील:
विशेष लोक अभियोजक डी.पी. सिंह ने अदालत में दलील दी कि
- रेलवे अधिकारियों पर दबाव डालकर खास उम्मीदवारों के आवेदन एक ही दिन में पारित करवाए गए।
- कई उम्मीदवार अपना नाम तक सही से नहीं लिख सकते थे, फिर भी उनके आवेदन पास हुए।
- फर्जी प्रमाण पत्र, मार्कशीट और हस्ताक्षर भी पाए गए।
सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि यह घोटाला सिर्फ नौकरी तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके बदले में भूमि हस्तांतरण भी किया गया। करीब एक लाख वर्गफुट जमीन महज 26 लाख रुपये में खरीदी गई, जिसमें नकद लेन-देन भी हुआ।
मुख्य आरोपों की सूची:
- नौकरी के बदले जमीन देने का आरोप
- चयन प्रक्रिया में भारी अनियमितता
- बिना योग्यता वाले उम्मीदवारों की भर्ती
- भर्ती प्रक्रिया में दस्तावेजों की जाँच नहीं
- एक ही दिन में कई फाइलें पारित
- परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए पद का दुरुपयोग
अदालत में अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी।
