बक्सर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बक्सर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की है। विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे द्वारा प्रेषित पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है। चौबे को खुद PMO से फोन कर यह जानकारी दी गई कि पत्र में उल्लिखित मांगों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
राजकुमार चौबे ने जताया प्रधानमंत्री के प्रति आभार
इस ऐतिहासिक पहल को लेकर राजकुमार चौबे ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति गहरा आभार जताया। उन्होंने कहा:
“यह केवल मेरा व्यक्तिगत संतोष नहीं है, यह बक्सर की सनातन आत्मा की सुनवाई है। प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व केवल राजनीतिक नहीं, आध्यात्मिक चेतना से भी प्रेरित है।”
चौबे ने बक्सर की गौरवशाली पौराणिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि:
- भगवान राम ने यहीं विश्वामित्र मुनि से धर्म और युद्ध की शिक्षा ली थी।
- अहिल्या का उद्धार यहीं हुआ था।
- च्यवन ऋषि ने यहीं आयुर्वेद का अमृत खोजा।
- और आज भी यहां की पंचकोशी परिक्रमा वैदिक परंपरा को जीवित रखे हुए है।
पत्र की 10 प्रमुख मांगों में से कई पर जल्द काम शुरू
राजकुमार चौबे ने बताया कि उनके पत्र में रखी गई 10 प्रमुख मांगों में से कई पर प्राथमिक कार्य शीघ्र प्रारंभ होने वाला है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- बक्सर को बिहार की आध्यात्मिक राजधानी घोषित करना
- विश्वामित्र मुनि की भव्य प्रतिमा का निर्माण
- च्यवन ऋषि स्मारक की स्थापना
- धार्मिक पर्यटन सर्किट का विकास
जनजागरण अभियान को मिलेगी गति
विश्वामित्र सेना ने इस अवसर पर संकल्प दोहराया है कि वे अब और अधिक सक्रियता से जनजागरण अभियान चलाएंगे ताकि बक्सर का हर नागरिक इस जागृति का हिस्सा बन सके।
राजकुमार चौबे ने आगे कहा:
“हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बक्सर केवल एक पौराणिक नगर नहीं रहेगा, बल्कि सनातन चेतना की राजधानी के रूप में विकसित होगा। यह केवल अतीत का स्मरण नहीं, बल्कि भविष्य का पुनर्लेखन होगा।”