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भागलपुर, 20 जून 2025: पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन का रूप देने तथा समाज में हरित चेतना जागृत करने के उद्देश्य से आज भागलपुर जिले में “एक पेड़ माँ के नाम” वृक्षारोपण अभियान का सफल आयोजन किया गया। इस अभियान का नेतृत्व जिला पदाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने किया, जिसमें जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी परिसरों तथा सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाई गई।

इस अभियान का भावनात्मक पहलू यह था कि प्रत्येक नागरिक अपनी माँ की स्मृति, श्रद्धा या सम्मान में एक पौधा लगाए — जिससे पर्यावरणीय जागरूकता को भावनात्मक जुड़ाव के साथ जोड़ा जा सके। इस विचार ने आम लोगों, अधिकारियों और युवाओं को विशेष रूप से प्रेरित किया।

ब्लॉक स्तर पर भी रहा अभियान का व्यापक असर

भागलपुर के उप विकास आयुक्त श्री प्रदीप कुमार सिंह के निर्देशन में जिले के सभी प्रखंडों में बीडीओ, सीओ, कृषि पदाधिकारी, शिक्षकों और पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। स्थानीय विद्यालयों के छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक पौधारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित चित्र और पोस्टर प्रदर्शित किए।

प्रत्येक प्रखंड में अभियान को एक समारोह के रूप में मनाया गया। स्कूल, पंचायत भवन, पीएचसी, आंगनबाड़ी केंद्र और अन्य सार्वजनिक स्थलों को अभियान स्थल के रूप में चिन्हित किया गया।

जागरूकता संदेश और अपील

जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने अपने संबोधन में कहा,

“हम सभी की जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ी के लिए स्वच्छ और हरित वातावरण सुनिश्चित करें। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियान न केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का एहसास कराते हैं, बल्कि हमारी पारिवारिक और सामाजिक संवेदनाओं से भी जुड़े होते हैं।”

उन्होंने अधिकारियों एवं नागरिकों से यह भी आग्रह किया कि पौधारोपण केवल एक दिन का कार्य न हो, बल्कि नियमित देखभाल, सिंचाई और संरक्षण भी किया जाए, जिससे पौधे वृक्ष बनकर पर्यावरण को लाभ पहुँचा सकें।

लक्ष्य और परिणाम

  • प्रत्येक प्रखंड में 1000 से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
  • पौधों में आम, अमरूद, आंवला, पीपल, नीम, अर्जुन, कटहल आदि प्रजातियों का चयन किया गया जो स्थानीय जलवायु के अनुकूल हैं।
  • पौधारोपण स्थलों की जिओ टैगिंग, मॉनिटरिंग और मासिक निरीक्षण की योजना बनाई गई है।
  • जिलाधिकारी ने वन विभाग और पंचायत प्रतिनिधियों को मिलकर पौधों की देखभाल समिति बनाने का निर्देश भी दिया।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मजबूत पहल

इस अभियान ने पर्यावरण संरक्षण को आम जन-मानस से जोड़ने का सफल प्रयास किया है। भावनात्मक पहलू के साथ इसने समाज में यह संदेश दिया है कि जैसे एक माँ जीवन देती है, वैसे ही एक पेड़ प्रकृति को जीवन देता है।

“एक पेड़ माँ के नाम” अभियान न केवल पौधारोपण कार्यक्रम था, बल्कि यह भावनात्मक जुड़ाव, सामाजिक सहभागिता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का एक संगठित उदाहरण भी था। यह पहल जिले के लिए ही नहीं, पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणास्पद मॉडल के रूप में देखी जा रही है।