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बिहार सरकार चलाएगी 299 विशेष बसें, दिल्ली समेत प्रमुख राज्यों से होगा संचालन, कैबिनेट की बैठक में मिला अनुमोदन

पटना, 27 जून 2025।त्योहारों पर अपने घर लौटने की चाहत रखने वाले प्रवासी बिहारियों के लिए अब राहत की खबर है। दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्वों के मौके पर अब उन्हें न तो ट्रेनों की लंबी वेटिंग से जूझना पड़ेगा और न ही हवाई टिकटों की महंगाई का सामना करना होगा। बिहार सरकार ने प्रवासी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए देश के विभिन्न राज्यों से बिहार के लिए 299 विशेष एसी और नॉन-एसी बसों के परिचालन का निर्णय लिया है।

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों से होगी सेवा
राज्य सरकार की इस योजना के तहत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख राज्यों से ये बसें बिहार के विभिन्न जिलों के लिए चलेंगी। इससे न सिर्फ यात्रा सुगम होगी बल्कि प्रवासी बिहारियों को अपने गांव-घर लौटने में अब परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।

घर की ओर रुख करना होगा आसान
हर साल त्योहारों विशेषकर होली, दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर लाखों लोग अपने पैतृक स्थानों की ओर रुख करते हैं। ट्रेन और फ्लाइट में जगह न मिलने की वजह से कई लोग इन विशेष अवसरों पर भी अपने परिवार से दूर रह जाते हैं। अब सरकार की इस पहल से वे आसानी से अपने घर पहुंच पाएंगे और अपनों के साथ पर्व मना सकेंगे।

कैबिनेट बैठक में योजना को मिली हरी झंडी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 24 जून 2025 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई। इसके तहत राज्य सरकार 75 वातानुकूलित और 74 डीलक्स बसों की खरीद पर लगभग 105.82 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इसके अलावा लोक-निजी भागीदारी (PPP मॉडल) के तहत 150 अतिरिक्त एसी बसें चलाई जाएंगी।

त्योहारों में होगी ट्रेनों की अतिरिक्त व्यवस्था
बसों के अलावा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि पर्व-त्योहारों पर विशेष ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। खासकर दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ और होली जैसे अवसरों पर ट्रेनों की मांग अत्यधिक बढ़ जाती है। विशेष ट्रेनों के संचालन से लोगों को और भी ज्यादा राहत मिलेगी।

सरकार का संकल्प : हर बिहारी तक पहुंचाना सुविधा
सरकार की यह योजना न केवल परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाएगी, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव को भी प्रगाढ़ करेगी। अब प्रवासी बिहारी निश्चिंत होकर त्योहारों पर अपने गांव लौट सकेंगे और अपने घरवालों के साथ उल्लासपूर्वक पर्व मना सकेंगे।

इस फैसले से यह स्पष्ट है कि सरकार प्रवासी बिहारियों की जरूरतों और भावनाओं के प्रति संवेदनशील है और उनके लिए हर स्तर पर बेहतर सुविधा देने को संकल्पित है।