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अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग निवारण दिवस पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम, युवाओं को बचाने की उठी आवाज

पटना, 27 जून 2025।बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि राज्य की प्रगति में सूखा नशा एक गंभीर बाधा बनकर उभर रहा है, जिसे जड़ से खत्म करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए नासूर बन चुका है और खासकर युवाओं को बर्बादी की ओर धकेल रहा है। मंत्री सहनी अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग निवारण दिवस के अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा पटना के पुराना सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने हर जिले में नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्र खोलने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि बिहार का माहौल अब पहले जैसा नहीं रहा, लेकिन पंचायत स्तर तक जागरूकता अभियान चलाना समय की मांग है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

हर जिले में चल रहा नेशनल एक्शन प्लान अभियान : बंदना प्रेयषी
समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने बताया कि भारत सरकार के 2018 के सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में लगभग 17.5 लाख ड्रग्स यूजर्स हैं, जो भांग, गांजा, चरस, अफीम, स्मैक और ब्राउन शुगर का सेवन करते हैं। उन्होंने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि कुछ युवा ब्रेड में आयोडेक्स लगाकर नशा कर रहे हैं, जो अत्यंत खतरनाक संकेत है।

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन (NAPDDR) अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके तहत स्कूल-कॉलेजों में छात्रों को जागरूक करने की योजना है, ताकि युवा नशे की ओर कदम बढ़ाने से पहले ही रुक सकें।

नारकोटिक्स और पुलिस अधिकारी भी हुए शामिल
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर अभिषेक आनंद ने मादकपान को समाज के लिए घातक बताया और कहा कि युवाओं के नशे की ओर पहले कदम को ही रोकना होगा।
मद्य निषेध के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि शराबबंदी के बाद सूखे नशे की ओर युवाओं का झुकाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सुलेशन, इंजेक्शन और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से ओवरडोज की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे युवाओं की जान जा रही है।

नशा एक बीमारी, इलाज संभव : विशेषज्ञों की राय
सिस्टर निवेदिता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित नशामुक्ति केंद्र के को-ऑर्डिनेटर मनोज कुमार सिंह ने कहा कि नशा एक बीमारी है और इससे छुटकारा संभव है, लेकिन इसके लिए जागरूकता जरूरी है।
एनएमसीएच के डॉक्टर संतोष कुमार ने कहा कि यह एक जैविक बीमारी है, ठीक वैसे ही जैसे डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर। उन्होंने युवाओं को इससे दूर रहने की सलाह दी।

नुक्कड़ नाटक, कॉमिक बुक और प्रतियोगिताएं बनीं आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण मंत्री ने नशा मुक्ति पर आधारित एक कॉमिक बुक का लोकार्पण किया और एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
‘प्रहरी संस्था’ द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़-नाटक ने नशे के दुष्परिणामों को बेहद प्रभावी तरीके से दर्शाया।
इसके साथ ही पेंटिंग और निबंध प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को सम्मानित भी किया गया।

समाज के हर स्तर पर जागरूकता फैलाने की जरूरत
इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि नशा न केवल व्यक्तिगत जीवन को बर्बाद करता है, बल्कि पूरे समाज की प्रगति में अवरोध बनता है। बिहार सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों का यह संयुक्त प्रयास राज्य को नशामुक्त और स्वस्थ समाज की दिशा में आगे ले जाने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।