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राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बनेगा डोभी, 16,524 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना

पटना, 27 जून 2025।बिहार के औद्योगिक नक्शे पर एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। गया जिले के डोभी प्रखंड (शेरघाटी अनुमंडल) में बनने वाले समेकित विनिर्माण क्लस्टर (IMC) का निर्माण कार्य अब जल्द शुरू होगा। अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (AKIC) का यह हिस्सा बिहार के लिए औद्योगिक दृष्टि से मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में तय किया गया कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में टेंडर जारी किया जाएगा। चयनित एजेंसी निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभालेगी। यह परियोजना राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत क्रियान्वित की जा रही है।

गया को मिलेगा राष्ट्रीय औद्योगिक मानचित्र पर स्थान
यह प्रोजेक्ट पांच राज्यों से जुड़ा हुआ है और इसमें एग्रो-फूड प्रोसेसिंग, रेडीमेड गारमेंट, ऑटो पार्ट्स, स्टील उत्पाद, एयरोस्पेस, डिफेंस, भवन सामग्री, फर्नीचर, हैंडलूम व हैंडिक्राफ्ट जैसे क्षेत्रों में उद्योगों के विकास की योजना है।

प्रोजेक्ट की लागत और संभावित निवेश

  • कुल लागत : ₹1,339 करोड़
  • अब तक अधिग्रहित जमीन : 1,670 एकड़ (462 करोड़ की लागत से)
  • अनुमानित निवेश : ₹16,524 करोड़
  • रोजगार सृजन की संभावना : 1.09 लाख से अधिक लोगों के लिए

स्टेट-ऑफ-आर्ट औद्योगिक हब
यह औद्योगिक क्लस्टर प्लग एंड प्ले सुविधाओं से लैस होगा। साथ ही बिजली, पानी, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं को अत्याधुनिक स्तर पर विकसित किया जाएगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बड़ा निवेश
इस क्लस्टर को एनएच-19 (जीटी रोड) से जोड़ने के लिए विशेष सड़क परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। इस कनेक्टिविटी को स्वर्ण चतुर्भुज सड़क योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में भी भारी कमी आएगी। इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल समूह की 16 मई को हुई बैठक में ₹142 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।

अब तक की प्रमुख उपलब्धियां

  • 6 मार्च 2025 : स्टांप ड्यूटी में छूट का ऐलान
  • 18 मार्च 2025 : पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त
  • निर्माण की निगरानी के लिए मॉनिटरिंग एजेंसी का चयन

परियोजना से संभावित लाभ

  • बिहार को राष्ट्रीय औद्योगिक मानचित्र पर मजबूत स्थान
  • पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के बाजारों से सीधा जुड़ाव
  • नेपाल, बांग्लादेश और भूटान जैसे देशों से आर्थिक संपर्क
  • गया को मिलेगा औद्योगिक और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक केंद्र के रूप में नया आयाम

गया : विश्व धरोहर शहर से औद्योगिक केंद्र की ओर
बौद्ध पर्यटन की दृष्टि से प्रसिद्ध गया अब उद्योग के क्षेत्र में भी नई पहचान गढ़ने को तैयार है। यह प्रोजेक्ट न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि बिहार के औद्योगिक भविष्य की दिशा भी तय करेगा।