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BPSC की पुनर्परीक्षा पर अब गुरुवार को होगी सुनवाई, जन सुराज पार्टी ने हाईकोर्ट में दायर की है याचिका

ByLuv Kush

जनवरी 15, 2025
Prashant Kishore jpg

70वीं बीपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा के रिजल्ट पर रोक और पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर जन सुराज पार्टी ने पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिसे सुनवाई के लिए कोर्ट ने मंजूर कर लिया था. आज उस याचिका पर सुनवाई होनी थी लेकिन चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन के विदाई समारोह के कारण आज सुनवाई टल गई. अब गुरुवार को इस मामले में सुनवाई होगी.

अब गुरुवार को होगी सुनवाई: पटना हाईकोर्ट में 70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक परीक्षा पुनः कराने के मामले पर गुरुवार को सुनवाई होगी. जस्टिस ए एस चंदेल की एकल पीठ पप्पू कुमार और अन्य द्वारा दायर याचिका पर कल सुनवाई की जाएगी. इस याचिका में प्रारंभिक परीक्षा में हुई धांधलियों की जांच और पुनः परीक्षा कराने की मांग की गई है. आज चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन का विदाई समारोह साढ़े ग्यारह बजे दिन में आयोजित किया गया.

परीक्षा रद्द करने की अभ्यर्थियों की डिमांड: अभ्यार्थियों की ओर से पटना हाईकोर्ट में जो याचिका दया की गई है, उसमें बताया गया है कि 13 दिसंबर को आयोजित हुई परीक्षा के दिन 28 परीक्षा केंद्रों पर बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. अभ्यार्थियों की ओर से कहा गया है कि इन परीक्षा केंद्रों पर जैमर नहीं काम कर रहा था. इसके अलावा कई जगह वीक्षकों ने अभ्यर्थियों को उत्तर हल करने में मदद की. इतना ही नहीं कई जगह केंद्र पर माइक से उत्तर की अनाउंसिंग की गई. इसके अलावा यह भी बताया गया है कि परीक्षा के ठीक-एक दिन पहले 5000 अभ्यार्थियों के परीक्षा केंद्र बदल दिए गए और इसका भी साक्ष्य याचिका में लगाया गया है.

PRASHANT KISHOR

18 दिसंबर से छात्रों का धरना जारी: परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर एक तरह जहां बीपीएससी अभ्यर्थी 18 दिसंबर से गर्दनीबाग धरनास्थल पर धरना दे रहे हैं, वहीं, 2 जनवरी से प्रशांत किशोर भी अनशन पर हैं. अभ्यर्थी अपनी इस मांग को लेकर 18 दिसंबर से जब धरना शुरू किया तो दो दिन के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया. इसमें कुछ की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद अभ्यर्थियों के समर्थन में प्रशांत किशोर पहुंचे और उन्होंने अभ्यर्थियों का अनशन तुड़वाया. बात जब नहीं मानी जा रही थी और 4 जनवरी को बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा होनी तय हो हो गई.

पीके तोड़ सकते हैं अपना अनशन: वहीं, प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में 2 जनवरी को आमरण अनशन शुरू कर दिया. इसके बाद हाल के दिनों में अभ्यर्थियों से राज्यपाल ने भी मुलाकात की है और अनशन तुड़वाने की अपील की है. ऐसे में प्रशांत किशोर से जो जुड़े हुए सूत्र हैं, उनका कहना है कि हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद प्रशांत किशोर आमरण अनशन को खत्म करने का फैसला ले सकते हैं लेकिन इस प्रकरण में सरकार ने जो जिद्दी रवैया अपनाया है, उसको लेकर नए तरीके से सत्याग्रह खड़ा किया जाएगा.

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