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बिहार के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और एडीजी कुंदन कृष्णन ने बिहार पुलिस को अपराधियों से सख्ती से निपटने की पूरी छूट दी है। कुंदन कृष्णन का यह बयान तब आया, जब राज्य में अपराध की घटनाएं बढ़ गईं और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आईं। उनका यह बयान बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आया है, जिसमें विपक्ष ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं।

कुंदन कृष्णन ने कहा कि यदि कोई अपराधी पुलिस को कट्टा (देसी पिस्तौल) दिखाता है, तो पुलिस को उसे चुनौती देने के बजाय गोली चलाने का अधिकार होगा। यह बयान उन्होंने खास तौर पर अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए पुलिस को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से दिया। उनका यह बयान राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनज़र था, जिसमें बिहार पुलिस को अपराधियों के खिलाफ और कड़े कदम उठाने की जरूरत महसूस हो रही थी।

बिहार में अपराध और हिंसा की घटनाएं

बिहार में अपराध की घटनाएं हाल के दिनों में बढ़ी हैं, जिनमें लूट, हत्या, और पुलिस अधिकारियों पर हमले शामिल हैं। पिछले सप्ताह, बिहार में लूट और हत्या की घटनाओं के बाद, भीड़ के हाथों दो पुलिस अधिकारियों की हत्या हो गई थी। इस घटना ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए और विपक्ष ने नीतीश सरकार से जवाब मांगा।

इस मुद्दे पर विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा किया और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की। पुलिस और प्रशासन पर हमले की घटनाएं विशेष रूप से चिंताजनक रही हैं, जिसमें शराब माफिया और बालू माफिया के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। मुंगेर और अररिया में पुलिस टीमों पर हुए हमलों के बाद, दो एएसआई की हत्या कर दी गई, जिसने राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर और भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

एडीजी कुंदन कृष्णन का कड़ा संदेश

कुंदन कृष्णन ने यह भी कहा कि 13 से 15 मार्च के बीच पुलिस ने संयम दिखाया और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस को किसी बड़ी सांप्रदायिक या जातीय मुठभेड़ का सामना नहीं करना पड़ा, बल्कि असामाजिक तत्वों ने ही घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस ने 13,000 से अधिक घटनाओं में 14 मिनट के भीतर प्रतिक्रिया दी और लगभग 70,000 फोन कॉल्स का सामना किया।

कुंदन कृष्णन ने यह भी कहा कि पुलिस ने चिन्हित अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलवाने का वादा किया। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद, असामाजिक तत्वों की झड़पें जारी रही, और पुलिस ने इन झड़पों के बावजूद अपनी कार्रवाई जारी रखी।

राज्य की कानून-व्यवस्था पर विपक्ष का हमला

बिहार में लगातार बढ़ते अपराध और पुलिस पर हमलों ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर विपक्ष को आक्रमक बना दिया है। विपक्ष ने बिहार सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है और सरकार अपराधियों पर नियंत्रण नहीं पा रही है। इस मामले पर विधानसभा में भी विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और नीतीश सरकार से जवाब मांगा।

बता दें कि राज्य में लगातार बढ़ रही हिंसा और अपराध की घटनाएं, विशेष रूप से माफिया तत्वों के हमले, सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं। पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, और विपक्ष इसे सरकार की नाकामी के रूप में देख रहा है। कुंदन कृष्णन का यह बयान इस पूरे मुद्दे में एक कड़ा संदेश है कि पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सख्ती से पेश आने की छूट दी गई है, ताकि अपराधियों को लगाम डाला जा सके।

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