पटना, 7 जून 2025:
बिहार में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ अब सुरक्षा और संरक्षा पर भी जोर दिया जा रहा है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने राज्य भर के सरकारी, गैर-सरकारी और अन्य सभी विद्यालयों में सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘विद्यालय सुरक्षा एवं संरक्षा मार्गदर्शिका – 2021’ के अनुपालन का सख्त निर्देश जारी किया है।
यह निर्देश राज्य परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े के माध्यम से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को भेजा गया है। यह पहल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है।
राज्य के सभी विद्यालयों में लागू होगी गाइडलाइन
निर्देश में साफ कहा गया है कि यह गाइडलाइन सभी प्रकार के स्कूलों – सरकारी, गैर-सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी – में लागू की जाएगी। गाइडलाइन को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड भी किया जा सकता है।
स्कूल सुरक्षा के पांच प्रमुख मानक तय
परिषद द्वारा सुरक्षा और संरक्षा के लिए पांच प्रमुख मानक निर्धारित किए गए हैं:
1. बुनियादी ढांचे से संबंधित सुरक्षा
- विद्यालय में सुरक्षा चहारदीवारी का होना अनिवार्य।
- कक्षाओं में पंखों की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आपातकालीन द्वार आवश्यक है।
2. सामाजिक-भावनात्मक सुरक्षा
- विद्यार्थियों के व्यवहार की निगरानी और समय-समय पर मूल्यांकन।
- ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ की जानकारी बच्चों को देना।
- व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति सजगता और जागरूकता फैलाना।
3. स्वास्थ्य और शारीरिक सुरक्षा
- हर स्कूल में प्राथमिक चिकित्सा किट (फर्स्ट एड बॉक्स) अनिवार्य।
- नियमित स्वास्थ्य जांच और छात्र स्वास्थ्य कार्ड की व्यवस्था होनी चाहिए।
4. साइबर सुरक्षा
- कंप्यूटर कक्षों में इंटरनेट की निगरानी, सुरक्षित ब्राउज़िंग और तकनीकी उपकरणों की देखरेख के लिए स्पष्ट निर्देश।
- साइबर सुरक्षा पर शिक्षकों और छात्रों के लिए प्रशिक्षण का प्रावधान।
5. आपदा प्रबंधन एवं सतर्कता
- स्कूल स्तर पर आपदा प्रबंधन योजना का निर्माण।
- समय-समय पर मॉक ड्रिल और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन।
समग्र सुरक्षा का लक्ष्य
यह गाइडलाइन स्कूलों को एक सुरक्षित, स्वस्थ और संवेदनशील शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की गई है। इसका पालन सुनिश्चित कराने के लिए नियंत्रण और मूल्यांकन तंत्र भी स्थापित किए जाएंगे।
राज्य परियोजना निदेशक ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे इस गाइडलाइन को स्कूल प्रबंधन समितियों, प्रधानाचार्यों और शिक्षकों तक पहुंचाकर इसके क्रियान्वयन को प्राथमिकता दें।