पटना, 7 जून 2025:
बिहार सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। परिवहन विभाग की योजना के तहत राज्य में जल्द ही 80 नई सीएनजी पिंक बसें चलाई जाएंगी। इन बसों की शुरुआत महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
फिलहाल 5 जिलों में चल रही हैं पिंक बसें
वर्तमान में पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया और दरभंगा में कुल 20 पिंक बसें महिलाओं के लिए चलाई जा रही हैं। इनमें मुजफ्फरपुर में 4, जबकि अन्य जिलों में 2-2 बसें चल रही हैं। इन बसों को खासतौर पर महिलाओं की दैनिक आवाजाही को सुरक्षित, सुलभ और किफायती बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
आसान प्रक्रिया से बनता है मासिक पास
पिंक बसों का लाभ नियमित रूप से लेने के लिए महिलाएं अपना आधार कार्ड, कॉलेज या स्कूल की आईडी और मोबाइल नंबर के साथ बांकीपुर या फुलवारी स्थित बीएसआरटीसी कार्यालय में संपर्क कर सकती हैं। यहां से उन्हें मासिक पास जारी किया जाता है, जिससे रोज़ यात्रा आसान और किफायती हो जाती है।
महिलाओं की ज़ुबानी — “अब सफर है आसान और सुरक्षित”
पटना की रहने वाली खुशी, जो रोजाना भूतनाथ रोड से पटना वीमेंस कॉलेज तक पिंक बस से सफर करती हैं, बताती हैं –
“अब बिना किसी चिंता के कॉलेज पहुंच जाती हूं। यह बस मेरी जैसी छात्राओं के लिए बेहद सुरक्षित और आरामदायक है।”
उनकी तरह ज्योत्सना, सौम्या, अनिशा और मेहरीन जैसी कई छात्राएं और महिलाएं हर दिन इस सेवा का लाभ उठा रही हैं और कहती हैं कि इससे उनका सफर न केवल सुरक्षित हुआ है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
महिला कंडक्टर: सशक्तिकरण की मिसाल
इन बसों की एक खास बात यह भी है कि इनमें महिला कंडक्टरों की तैनाती की गई है। इससे न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का मौका मिला है, बल्कि यह सामाजिक रूप से एक सशक्तिकरण का संदेश भी देता है।
- पटना में 16 महिला कंडक्टर,
- गया और भागलपुर में 4-4 महिला कंडक्टर वर्तमान में पिंक बसों की ज़िम्मेदारी निभा रही हैं।
पटना की संजू कुमारी, जो एक पिंक बस की कंडक्टर हैं, कहती हैं –
“हर दिन कई महिलाओं से मिलती हूं, उनके साथ बातचीत होती है। अब एक अपनापन महसूस होने लगा है।”
सुरक्षा और किफायत दोनों
पिंक बसों में सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस और महिला सुरक्षा बल की तैनाती जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं, जिससे महिलाएं निश्चिंत होकर यात्रा कर सकती हैं। सचिवालय में कार्यरत जूही और पुलिस विभाग की महिला सिपाही ज्योत्सना जैसी महिलाएं इन बसों को बिहार में बदलते सामाजिक माहौल और महिला सम्मान की पहचान मानती हैं।
नारी सम्मान की दिशा में ठोस कदम
बिहार सरकार की यह पहल महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन रही है। आने वाले दिनों में जब 80 नई पिंक बसें सड़कों पर उतरेंगी, तो यह न केवल महिलाओं के लिए यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि सशक्त बिहार की तस्वीर भी पेश करेगा।