IMG 4441
WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें

बिहार की राजनीति में प्रेम कहानियों ने कई नेताओं को सुर्खियों में लाकर न केवल उनकी छवि खराब की, बल्कि करियर और परिवार दोनों पर भारी पड़ीं।

बिहार की सियासत में प्रेम प्रसंग अब कोई नया मुद्दा नहीं रह गया है। समय-समय पर कई नेता अपनी प्रेम कहानियों की वजह से विवादों में घिरते रहे हैं। हाल ही में तेज प्रताप यादव का मामला सामने आया है, जिन्होंने अपनी निजी जिंदगी के चलते न सिर्फ मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं, बल्कि राजनीतिक और पारिवारिक मोर्चे पर भी संकट का सामना किया। मगर तेज प्रताप यादव इस सूची में अकेले नहीं हैं — बिहार की राजनीति में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जहां प्रेम प्रसंग ने नेताओं के करियर को गर्त में पहुंचा दिया।

रोहतास के विधायक और एक छात्रा की तस्वीर ने खत्म किया करियर

रोहतास जिले से जुड़े एक राष्ट्रीय स्तर के कांग्रेस नेता, जो जनता पार्टी की सरकार में दूसरे नंबर के पद पर थे, उनके बेटे का प्रेम प्रसंग एक विश्वविद्यालय की छात्रा से था। यह रिश्ता तब सुर्खियों में आया जब एक पत्रिका में उनकी आपत्तिजनक तस्वीर प्रकाशित हो गई। इस खुलासे ने उनके राजनीतिक करियर पर विराम लगा दिया। मोहनियां से विधायक रहे इस नेता को न केवल पार्टी ने बाहर कर दिया, बल्कि उनके पिता ने भी उनसे नाता तोड़ लिया। वे दोबारा राजनीति में वापसी नहीं कर सके।

बॉबी हत्याकांड: कांग्रेस नेता का बेटा बना विवाद का केंद्र

1983 का बॉबी हत्याकांड बिहार की राजनीति का एक और काला अध्याय है। श्वेत निशा त्रिवेदी उर्फ बॉबी की हत्या के मामले में एक बड़े राजनीतिक परिवार का बेटा संदिग्ध बना। यह केस इतना बड़ा हुआ कि शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम तक कराना पड़ा और बाद में CBI ने जांच अपने हाथ में ली। इस कांड ने उस उभरते नेता की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को हमेशा के लिए खत्म कर दिया।

महिला विधायक को बेटे की वजह से गंवानी पड़ी सियासत

अस्सी के दशक में एक कांग्रेस महिला विधायक को भी अपने बेटे की प्रेम कहानी का खामियाजा भुगतना पड़ा। उनका बेटा एक आदिवासी प्रशासक की पत्नी के साथ संबंध में था। यह मामला मीडिया में जोर-शोर से छाया और पार्टी ने विवाद से दूरी बनाते हुए महिला विधायक को सियासत के हाशिए पर ढकेल दिया।

दो भाइयों की जोड़ी और विवादित प्रेम संबंध

बिहार में दो भाइयों की जोड़ी भी अपनी निजी पसंद और प्रेम कहानियों की वजह से लंबे समय तक चर्चा में रही। इन नेताओं की हरकतों ने न केवल उनकी खुद की छवि को नुकसान पहुंचाया, बल्कि पार्टी और परिवार दोनों को संकट में डाल दिया।