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चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने जारी किए कड़े दिशा-निर्देश, नियुक्ति के बाद भी गलत जानकारी देने पर होगी कार्रवाई।

बिहार पुलिस में सिपाही से लेकर दारोगा तक की बहाली प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा सख्त हो गई है। पुलिस मुख्यालय ने नियुक्ति मानकों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनके तहत अगर कोई उम्मीदवार चयन के दौरान अपने आपराधिक इतिहास को छुपाता है, तो उसकी नौकरी तुरंत खतरे में आ सकती है। इतना ही नहीं, इस स्थिति में विभागीय कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी।

आईजी (मुख्यालय) ने जारी किए सख्त निर्देश

मुख्यालय स्तर पर आईजी द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि नियुक्ति से पहले सत्यापन प्रक्रिया के दौरान अगर कोई उम्मीदवार जानकारी छुपाता है या गलत विवरण देता है, तो इसे गंभीर अपराध माना जाएगा। इस संबंध में राज्यभर के डीजी, एडीजी, आईजी, डीआईजी, सीनियर एसपी और एसपी को निर्देशित किया गया है कि वे इन मानकों का पूरी सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।

11 बिंदुओं पर विवेकाधिकार, लेकिन गंभीर मामलों में कोई रियायत नहीं

पुलिस मुख्यालय के पत्र में यह भी कहा गया है कि नियुक्ति प्राधिकारी 11 बिंदुओं पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। हालांकि, ऐसे अपराध जो हल्के स्तर के हों — जैसे युवावस्था में नारे लगाना या विरोध प्रदर्शन में भाग लेना — उन्हें क्षम्य माना जा सकता है। लेकिन गंभीर मामलों में दोष सिद्ध होने पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी।

सेवा में पुष्टि के बाद किसी भी बर्खास्तगी से पहले विभागीय जांच आवश्यक होगी। सत्यापन फॉर्म में पारदर्शिता बनाए रखना अनिवार्य किया गया है, ताकि कोई भी उम्मीदवार गलत जानकारी न छिपा सके।

नियोक्ता के विवेक पर होगा अंतिम फैसला

अगर कोई उम्मीदवार स्वयं ही अपने आपराधिक रिकॉर्ड की घोषणा करता है, तब भी उसे नियुक्त करने का अंतिम निर्णय नियोक्ता के विवेक पर निर्भर करेगा। इसका सीधा मतलब है कि घोषणा करने मात्र से नियुक्ति की गारंटी नहीं मिलती।

डायल-112 को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम

इस बीच, बिहार की आपातकालीन सेवा डायल-112 को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 21 पुलिस इंस्पेक्टरों की तैनाती की गई है। यह तैनातियाँ तकनीकी सेवाएं एवं वितंतु के एडीजी की अनुशंसा पर की गई हैं, जिससे राज्यभर में आपात सेवाओं की जवाबदेही और दक्षता को बेहतर किया जा सके।

तैनात किए गए पुलिस अधिकारियों की सूची:

कुसुम कुमारी, राकेश रंजन, बिंदेश्वरी कुमार, जयशंकर प्रसाद, रूपक कुमार सिंह, नित्यानंद शर्मा, प्रशांत कुमार, योगेंद्र रविदास, श्वेता रानी, कन्हैया कुमार, सुधीर कुमार वर्मा, एजाज आलम, विमल कुमार राव, प्रशांत कुमार मिश्रा, दीपक कुमार दीप, सतीश कुमार, शशिकांत कुमार, नागेंद्र कुमार, प्रीति कुमारी, राजेश कुमार और संतोष कुमार।