
नई दिल्ली/ढाका। भारत द्वारा बांग्लादेश से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए नए प्रतिबंध से पड़ोसी देश के साथ क्रॉस बॉर्डर ट्रेड को बड़ा झटका लगा है। इस फैसले का असर लगभग 770 मिलियन डॉलर (6,600 करोड़ रुपये) मूल्य के सामानों पर पड़ने की आशंका है, जो लैंड कस्टम स्टेशनों (Land Customs Stations) के जरिए भारत में प्रवेश करते थे।
थिंक-टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, “इस प्रतिबंध से रेडीमेड गारमेंट्स के सबसे बड़े एक्सपोर्ट चैनल पर असर पड़ा है। बांग्लादेश के लगभग 618 मिलियन डॉलर (5,290 करोड़ रुपये) मूल्य के रेडीमेड कपड़े अब केवल न्हावा शेवा और कोलकाता बंदरगाह के जरिए ही भारत में प्रवेश कर सकेंगे।”
अन्य प्रभावित वस्तुएं: प्रतिबंधित सामानों में शामिल हैं:
- फलों के स्वाद वाले कार्बोनेटेड पेय
- प्रोसेस्ड फूड
- कपास और सूती धागे का वेस्ट
- पीवीसी और प्लास्टिक तैयार माल
- लकड़ी के फर्नीचर
इन सभी का कुल मूल्य लगभग 153 मिलियन डॉलर (1,310 करोड़ रुपये) आंका गया है।
आयात मार्गों में बदलाव की अधिसूचना: भारत के विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शनिवार को अधिसूचना जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट्स और प्रोसेस्ड फूड आदि के आयात पर लैंड पोर्ट्स के जरिए प्रतिबंध लगा दिया। केवल न्हावा शेवा और कोलकाता पोर्ट से इन वस्तुओं के आयात की अनुमति दी गई है।
पिछले फैसले की कड़ी में एक और झटका: गौरतलब है कि इससे पहले भारत ने बांग्लादेश के लिए ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को समाप्त कर दिया था, जिसके तहत बांग्लादेश अपने उत्पादों को भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों के जरिए अन्य देशों को भेज सकता था।
भारत-बांग्लादेश व्यापार संबंध: वर्तमान में चीन के बाद भारत, बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 16 बिलियन डॉलर के करीब रहा, जिसमें से बांग्लादेश ने भारत से 14 बिलियन डॉलर का आयात किया, जबकि उसका निर्यात केवल 2 बिलियन डॉलर रहा।
विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से न केवल बांग्लादेश की निर्यात अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा, बल्कि सीमा क्षेत्रों में व्यापार से जुड़े हजारों लोगों की रोज़ी-रोटी पर भी असर पड़ सकता है।