भागलपुर :नवगछिया के सियासी हलकों में उस वक्त हलचल मच गई जब जिला जदयू महासचिव व्यास यादव ने रंगरा के भाजपा नेता राजकुमार राय पर थाना में दलाली करने और अपहरण के आरोपी को बचाने का गंभीर आरोप लगाया।
जदयू नेता का कहना है कि रंगरा थाना क्षेत्र में भाजपा नेता थाने के मामलों में बिचौलिये की तरह हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक मामले में 18 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी, ताकि पुलिस कार्रवाई को प्रभावित किया जा सके।
अपहरण केस बना विवाद की जड़
खबर के मुताबिक, एक गांव की लड़की को बहला-फुसलाकर भगाने के आरोपी को रंगरा पुलिस ने छोड़ दिया था। इस पर जदयू नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने पुलिस पर दबाव डालकर आरोपी को छुड़वाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तीन दिन बाद जब मामला महिला थाने में दर्ज हुआ, तब जाकर कोई कार्रवाई शुरू हुई।
भाजपा नेता ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
दूसरी ओर, भाजपा नेता राजकुमार राय ने सभी आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “मुझ पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। मुझे दलित होने के कारण परेशान किया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं और झूठे आरोपों से उनका मनोबल नहीं टूटेगा।
पुलिस का पक्ष
रंगरा थानाध्यक्ष आयूब खान ने भी दलाली और लेनदेन के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
संपादकीय टिप्पणी:
यह मामला सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और कानून के निष्पक्ष पालन से भी जुड़ा हुआ है। प्रशासन और नेताओं को चाहिए कि वे आरोप-प्रत्यारोप से ऊपर उठकर सत्य की जांच सुनिश्चित करें।