पटना। बिहार में कोरोना वायरस एक बार फिर दस्तक दे चुका है। राजधानी पटना में करीब 14 महीनों बाद दो नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं। दोनों मामले पारस अस्पताल से रिपोर्ट हुए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।
डॉक्टरों के मुताबिक, संक्रमितों में से एक मरीज ने पुष्टि के लिए कंकड़बाग स्थित एक निजी लैब में दोबारा जांच कराई, जहां रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आई। जानकारी के अनुसार, मरीज ने 22 मई को सैंपल दिया था।
सर्दी, खांसी और सांस की परेशानी से पहुंचे थे अस्पताल
पारस अस्पताल के चिकित्सक डॉ. प्रकाश सिन्हा ने बताया कि चार दिन पहले दो मरीज सर्दी, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे थे। एक मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, जबकि दूसरा ओपीडी स्तर पर इलाज कराकर चला गया।
दोनों मरीजों का ऑक्सीजन स्तर सामान्य से काफी कम था, जिसके बाद कोविड जांच कराई गई, और दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अच्छी खबर यह है कि भर्ती मरीज अब स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुका है।
मुफ्त जांच बंद, लोग जांच कराने से कतरा रहे
पटना के किसी भी सरकारी अस्पताल में फिलहाल कोरोना की मुफ्त जांच की सुविधा नहीं है। एक साल पहले यह सुविधा बंद कर दी गई थी। सिविल सर्जन कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब तक सरकार से कोई आदेश नहीं आता, तब तक यह सुविधा बहाल नहीं की जा सकती।
वर्तमान में निजी लैब में कोरोना जांच के लिए 1000 से 1400 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है, जिससे कई लोग लक्षण होने के बावजूद जांच कराने से बच रहे हैं। यह स्थिति आने वाले समय में संक्रमण के प्रसार को लेकर खतरा बढ़ा सकती है।
जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सतर्कता बरतने, भीड़भाड़ से बचने और लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेने की अपील की है। साथ ही मास्क और हाथ धोने जैसी आदतों को फिर से अपनाने की जरूरत बताई है।