3035 करोड़ रुपये का हुआ वितरण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही नई गति
पटना, 16 मई।बिहार सरकार की मुख्यमंत्री उद्यमी योजना प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ा रही है। वर्ष 2018 में शुरू हुई यह योजना न केवल युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है, बल्कि उन्हें अन्य लोगों के लिए भी रोजगार सृजन करने में सक्षम बना रही है।
अब तक 43049 युवाओं को इस योजना से लाभ मिला है और 3035.54 करोड़ रुपये की राशि का वितरण हो चुका है। यह योजना बिहार की आर्थिक विकास नीति का अहम स्तंभ बन गई है, जिसका उद्देश्य है—राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन देना और बैंक ऋण से जुड़ी बाधाओं को दूर करना।
वित्तीय सहायता का ढांचा कैसा है?
योजना के अंतर्गत योग्य लाभार्थियों को 10 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। इसमें:
- 5 लाख रुपये ब्याज रहित ऋण, और
- 5 लाख रुपये अनुदान शामिल है, जो तीन किश्तों में दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को 1% ब्याज दर पर ऋण मिलता है, जिसकी 84 आसान किस्तों में वसूली की जाती है।
योजना के लिए पात्रता शर्तें क्या हैं?
- आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता – 12वीं, आईटीआई, पॉलिटेक्निक या समकक्ष डिग्री।
- आयु सीमा – 18 से 50 वर्ष के बीच।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा:
“उद्यमिता के क्षेत्र में बिहार की एक नई पहचान बन रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह योजना न केवल बेरोजगारी को कम कर रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना रही है।”
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना ने बिहार के युवाओं को न केवल अपने सपने साकार करने का मंच दिया है, बल्कि राज्य के विकास में भागीदार भी बनाया है।