समय पर वेतन भुगतान को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश, देरी पर होगी सख्त कार्रवाई
पटना, 16 मई।बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के समय पर वेतन भुगतान को लेकर बड़ा और सख्त कदम उठाया है। अब पहले सभी कोटि के शिक्षकों को वेतन मिलेगा और उसके बाद ही जिला स्तरीय पदाधिकारियों और कार्यालय कर्मियों (ग्रुप-डी को छोड़कर) का भुगतान किया जाएगा।
जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश
शिक्षा विभाग ने अपने निर्देश में कहा है कि शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं, जबकि जिलों के पास बजट की कोई कमी नहीं है। ऐसे में कई शिक्षक वेतन के लिए सीधे मुख्यालय से संपर्क कर रहे हैं, जो चिंताजनक स्थिति है। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा है कि शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर वेतन दिया जाए। इसकी पूरी ज़िम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी की होगी।
तकनीकी कारणों से रुका वेतन, डीईओ होंगे जिम्मेदार
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी शिक्षक का वेतन तकनीकी कारणों—जैसे पीआरएएन, एचआरएमएस या आधार—की वजह से रुका हो, तो डीईओ मुख्यालय के संबंधित अधिकारियों से समन्वय बनाकर इसका समाधान करें। शिक्षक को मुख्यालय आने या संपर्क करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
बजट की कमी हो तो तुरंत करें सूचित
यदि किसी जिले में बजट आवंटन की समस्या है तो डीईओ तुरंत मुख्यालय को सूचित करें, ताकि आवश्यक राशि उपलब्ध कराई जा सके। शिक्षकों को समय पर वेतन देने की यह नीति उन्हें सम्मान देने और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
“शिक्षा की बात” कार्यक्रम में भी जताया गया था संकल्प
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने भी हाल ही में “शिक्षा की बात – हर शनिवार” कार्यक्रम के 13वें एपिसोड में कहा था कि “जब तक शिक्षक का वेतन नहीं मिलेगा, तब तक पदाधिकारियों को वेतन नहीं मिलेगा।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि किसी शिक्षक को जानबूझकर परेशान किया गया या उसका वेतन रोका गया, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।