
पटना, 16 जुलाई 2025: बिहार अब औद्योगिक विकास की नई दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। केवल राजधानी पटना ही नहीं, बल्कि राज्य के विभिन्न जिलों में औद्योगिक पार्क और मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना से प्रदेश की आर्थिक तस्वीर बदलने की तैयारी हो रही है। इससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा और बिहार औद्योगिक नक्शे पर एक सशक्त उपस्थिति दर्ज करेगा।
गयाजी में राज्य का सबसे बड़ा औद्योगिक पार्क
बिहटा के बाद अब गया जिले के डोभी क्षेत्र में बिहार का सबसे बड़ा औद्योगिक हब बनने जा रहा है।
- कुल क्षेत्रफल: 1670 एकड़
- प्रस्तावित खर्च: ₹1339 करोड़
- योजना: अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (AKIC) के अंतर्गत इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) का निर्माण
प्रमुख सेक्टर और भूमि आवंटन
सेक्टर | आवंटित भूमि (एकड़) |
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खाद्य प्रसंस्करण | 192.05 |
फर्नीचर | 83.50 |
रेडीमेड परिधान व लेदरलाइट | 192.05 |
तकनीकी उद्योग क्लस्टर | 233.80 |
भवन निर्माण सामग्री | 133.72 |
हथकरघा व हस्तशिल्प | 16.70 |
लॉजिस्टिक्स | 50.10 |
सामान्य रेडी शेड्स | 16.70 |
इस क्षेत्र में 43,000 से अधिक रोजगार के प्रत्यक्ष अवसर, जबकि 57,000 औद्योगिक और 9,000 वाणिज्यिक रोजगार अपरोक्ष रूप से सृजित होंगे।
मंत्री नीतीश मिश्रा का बयान
“हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बिहार में उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध हो। यह सिर्फ विकास की पहल नहीं, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है।” — नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री
मुंगेर, मधुबनी, चंपारण और किशनगंज: नए औद्योगिक केंद्र
राज्य सरकार का फोकस अब सभी जिलों में समान औद्योगिक विकास सुनिश्चित करने पर है:
- मुंगेर (संग्रामपुर): 50 एकड़ भूमि उद्योग विभाग को सौंपी गई, कार्य प्रारंभ
- वैशाली: जनदाहा, राजा पाकड़, महुआ में 1243.45 एकड़
- सीतामढ़ी: नानपुर और सोनवर्षा
- मधुबनी: झंझारपुर में 712 एकड़ में पार्क का निर्माण प्रस्तावित
21 हजार एकड़ भूमि चिन्हित, पिछड़े जिले भी शामिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान जिन जिलों में पहले कोई औद्योगिक केंद्र नहीं था, वहां भी कार्य शुरू किया गया:
जिले | स्थिति |
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अरवल, जमुई, कैमूर, सारण, शेखपुरा, शिवहर, बांका | नई औद्योगिक योजना में शामिल |
- कुल प्रस्तावित भूमि: 21,273.07 एकड़
- रैयती भूमि: 18,059.12 एकड़
- सरकारी भूमि: 3,162.88 एकड़
- अब तक हस्तांतरित भूमि: 457.35 एकड़
बिहार की नई पहचान: खेतों से फैक्ट्रियों की ओर
राज्य सरकार का यह संकल्प अब स्पष्ट है — बिहार केवल कृषि आधारित राज्य नहीं, बल्कि औद्योगिक रूप से भी सशक्त और समावेशी राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। आने वाले वर्षों में इन परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था, कौशल विकास और रोजगार सृजन को नई गति मिलेगी।