
“बिहार लर्निंग वीक” का शुभारंभ, प्रशासनिक दक्षता को डिजिटल प्रशिक्षण से नई दिशा
पटना, 11 जुलाई 2025: बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (BIPARD) और कर्मयोगी भारत के संयुक्त तत्वावधान में आज से “बिहार लर्निंग वीक” की औपचारिक शुरुआत हो गई है। यह सप्ताह 17 जुलाई 2025 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य राज्य के लोकसेवकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सतत् ज्ञान और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना है।
मुख्य सचिव ने किया उद्घाटन
इस अभिनव पहल का शुभारंभ बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्द्र और सचिव रचना पाटिल भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने इस पहल को प्रशासनिक सुधार और डिजिटल दक्षता की दिशा में बिहार का एक बड़ा कदम बताया।
IGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म की केंद्रीय भूमिका
यह कार्यक्रम भारत सरकार के IGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। राज्य के सभी अधिकारी और कर्मचारी इस सप्ताह रोजाना चार घंटे प्रशिक्षण लेंगे और प्रतिदिन दोपहर 2 बजे विशेषज्ञ वेबिनार में भाग लेंगे।
आज पहले दिन स्वास्थ्य प्रणालियों की बेहतर समझ विषय पर व्याख्यान दिया गया, जिसे श्री मौलिक चोकसी (ग्लोबल डायरेक्टर – हेल्थ सिस्टम्स रिसर्च एंड पॉलिसी) ने संबोधित किया।
आगामी वेबिनार विषय और वक्ता
“बिहार लर्निंग वीक” के दौरान कई विविध और समसामयिक विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा वेबिनार आयोजित किए जाएंगे:
- सेवा भाव और नागरिक उत्तरदायित्व
- बिहार की कृषि नीति और नवाचार
- आधारभूत संरचना का समग्र विकास
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रशासन में उपयोग
- जलवायु परिवर्तन और सतत विकास
इन विषयों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे।
डिजिटल अपस्किलिंग की आवश्यकता और प्रभाव
IGOT कर्मयोगी जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अब राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण प्रशासनिक प्रशिक्षण पहुंचना संभव हुआ है। यह प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को उनके विभागीय कार्यों के अनुसार वैयक्तिकृत प्रशिक्षण की सुविधा देता है, जिससे कार्यक्षमता और सेवा वितरण की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है।
निरंतर ज्ञान, उत्तरदायी प्रशासन
“बिहार लर्निंग वीक” न केवल प्रशिक्षण का अवसर है, बल्कि यह राज्य सरकार की उस सोच को दर्शाता है जिसमें ज्ञान, नवाचार और सेवा गुणवत्ता को शासन की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाया जा रहा है। यह पहल विकसित, सक्षम और उत्तरदायी बिहार के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है।