केन्द्र सरकार की योजनाओं से बदली राज्य की तस्वीर, विकसित हो रहे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हब
पटना, 15 जून 2025।कभी सिर्फ ऐतिहासिक और कृषि प्रधान राज्य के रूप में पहचाने जाने वाले बिहार ने अब ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन के क्षेत्र में भी नई उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत राज्य में कई बड़े और प्रभावशाली प्रोजेक्ट पूरे किए गए हैं, जो बिहार को विकास की नई राह पर ले जा रहे हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि
ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत राज्य में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 5856.35 करोड़ रुपये की लागत से ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया। वहीं, इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के तहत शहरी और कस्बाई इलाकों में नए 33/11 केवी सब-स्टेशन, ट्रांसफॉर्मर और एचटी तारों की स्थापना पर 255 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
इसके अलावा, बक्सर में 10,000 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य तेजी से जारी है, जिससे राज्य की विद्युत आपूर्ति को नई मजबूती मिलेगी।
डिजिटल बिहार की ओर तेजी से कदम
दूरसंचार विभाग ने बिहार को डिजिटल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय काम किया है। 250 करोड़ रुपये की लागत से 1000 मोबाइल टावर (बीटीएस) लगाए गए। वहीं, बीएसएनएल ने 15 करोड़ रुपये की लागत से राजगीर, गया, वैशाली, नालंदा और पटना सहित राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर 30 वाई-फाई हॉटस्पॉट शुरू किए हैं।
आईटी और स्टार्टअप को मिल रहा संबल
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने दरभंगा और भागलपुर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क और ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीओ सेंटर स्थापित किए हैं। इन पर 25.05 करोड़ रुपये खर्च किए गए। साथ ही, मुजफ्फरपुर और बक्सर में एनआईईएलआईटी सेंटर पर 9.18 करोड़ रुपये, आईआईटी पटना में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक इनक्यूबेटर के उन्नयन पर 22.10 करोड़ रुपये और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईसीटी अकादमी पटना पर 12.06 करोड़ रुपये खर्च किए गए। कुल मिलाकर इस क्षेत्र में 52.52 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
पर्यटन के क्षेत्र में भी तेजी
पर्यटन विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत चंपापुरी और पावापुरी में जैन सर्किट हाउस, कांवरिया रूट, बौद्ध सर्किट, महात्मा गांधी सर्किट और मदर हिल्स व अंग प्रदेश के विकास पर 248 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
वहीं, पीआरएएसएडी योजना के तहत पटना साहिब का सौंदर्यीकरण और आध्यात्मिक विकास कार्य 44.55 करोड़ रुपये में पूरा हुआ है। साथ ही बोधगया में भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम) का 50 करोड़ रुपये लागत वाला स्थायी परिसर भी प्रस्तावित है।
बिहार बन रहा है राष्ट्रीय विकास केंद्र
इन योजनाओं की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार अब सिर्फ कृषि और इतिहास का केंद्र नहीं, बल्कि ऊर्जा, तकनीक, डिजिटल नेटवर्क और पर्यटन के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। सरकार की विकासशील नीतियों और योजनाओं से राज्य आर्थिक आत्मनिर्भरता और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।