Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

पटना के आसपास बालू भंडारण में बड़ा खेल! हाईकोर्ट के वकील ने उठाई जांच की मांग, EOU से कार्रवाई की अपील

ByLuv Kush

मई 9, 2025
GridArt 20230704 193422055

पटना, 9 मई 2025:

राजधानी पटना और इसके आसपास के क्षेत्रों में सोन नदी से निकाले जा रहे बालू के अवैध भंडारण और परिवहन को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। इस संबंध में पटना हाईकोर्ट के वकील मणिभूषण प्रसाद सेंगर ने गंभीर आरोप लगाते हुए बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) समेत स्वतंत्र एजेंसियों से जांच की मांग की है।

वकील सेंगर ने पत्र में दावा किया है कि बिहार खनिज (रियायत, अवैध खनन निवारण, परिवहन एवं भंडारण) नियमावली, 2019 का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। सोन नदी से बालू का अवैध खनन कर बिना नियमों के खुले में उसका भंडारण किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकारी राजस्व की भी बड़ी चोरी की जा रही है।

भंडारण स्थलों पर खुलेआम अव्यवस्था

उन्होंने अपने पत्र में कई स्थानों का उल्लेख किया है जहाँ बड़े पैमाने पर बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है:

  • पटना जिले में: नौबतपुर, बिहटा, पालीगंज, दानापुर, बिक्रम, कनपा, अग्राणी कैंपस, आईआईटी पटना के पास
  • भोजपुर जिले में: संदेश, सहार इत्यादि

विशेष रूप से एनएच 139 पटना-औरंगाबाद रोड के किनारे अनियंत्रित तरीके से बालू का भंडारण किया जा रहा है। इसके कारण न केवल दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है, बल्कि धूलकणों के कारण स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं।

कालाबाजारी और राजस्व चोरी के गंभीर आरोप

वकील का कहना है कि भंडारण स्थलों पर बालू की वास्तविक मात्रा और चालानों में भारी अंतर पाया गया है। इससे यह संदेह और गहराता है कि बालू की कालाबाजारी और सरकारी राजस्व की चोरी बड़े पैमाने पर की जा रही है। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो यह बिहार का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।

सख्त कार्रवाई की मांग

पत्र में मांग की गई है कि:

  • EOU, निगरानी विभाग, या CBI जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए।
  • एनएच 139 और अन्य प्रमुख भंडारण स्थलों की भौतिक जांच की जाए।
  • दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

पिछली कार्रवाईयों का हवाला

वकील ने 2021 में सरकार द्वारा की गई बड़ी कार्रवाई का भी हवाला दिया है, जिसमें कई उच्च पदस्थ अधिकारियों—एसपी, डीएसपी, डीटीओ, एसडीओ, सीओ, और थानेदारों—के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए थे। लेकिन अब फिर वही चक्र दोहराया जा रहा है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *