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बिहार में मानसून की सक्रियता के बाद गंगा समेत सभी नदियों का जलस्तर बढ़ा, अभी खतरे के निशान से नीचे वाटर लेवल

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पिछले कई दिनों से बिहार के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हो रही है. जिस वजह से गंगा समेत सभी नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में भी बारिश ने नदियों के जलस्तर को बढ़ा दिया है. कोसी, बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, गंगा, सोन और पुनपुन में भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. हालांकि जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है. कोसी बराज में रविवार को शाम को 1 लाख 96 हजार 405 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है।

जून में 52 फीसदी कम बारिश: हालांकि मानसून बिहार में कुछ विलंब से आया है और सामान्य से 52% कम बारिश हुई है. बिहार में मानसून से अब तक 133.3 मिली मीटर बारिश होनी चाहिए थी लेकिन अभी 78.9 मिली मीटर बारिश ही रिकॉर्ड की गई है. अररिया और किशनगंज जिले में ही सामान्य से सिर्फ अधिक बारिश रिकार्ड की गई है. मौसम विभाग की ओर से पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, किशनगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल और अररिया में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

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बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ा: जल संसाधन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गंगा नदी का पटना के दीघा घाट में अभी जलस्तर 45 मीटर बना हुआ है, जबकि डेंजर लेवल 50.45 मीटर है. लगभग 5 मीटर अभी नीचे है. वहीं गांधी घाट में गंगा नदी 43 मीटर है, जबकि डेंजर लेवल 48.60 मीटर है. पटना के हाथीदह में गंगा नदी का जलस्तर अभी 35.22 मीटर है, जबकि यहां डेंजर लेवल 41.76 मीटर है. सोन नदी का पटना के कोईलवर में जलस्तर 46.21 मीटर है, जबकि डेंजर लेवल यहां 55.52 मीटर है. वहीं पुनपुन नदी का पटना के श्रीपालपुर में जलस्तर 44.66 मीटर है, जबकि यहां डेंजर लेवल 50.60 मीटर है लेकिन पिछले एक सप्ताह में नदियों का जलस्तर बढ़ा है।

लगातार बारिश से विभाग अलर्ट: नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में और कई जिलों में हो रही लगातार बारिश से नदियों का जिस प्रकार से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. आने वाले कुछ दिनों में लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है. जल संसाधन विभाग की तरफ से कंट्रोल रूम काम कर रहा है और तटबंधों पर नजर रखी जा रही है. वहीं आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से भी बाढ़ से बचाव के लिए उपाय किए जाने की बात कही जा रही है।