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पटना। बिहार सरकार के सहकारिता विभाग की गोदाम निर्माण योजना किसानों की जिंदगी में नई उम्मीद लेकर आई है। अब तक 6,994 गोदामों के निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी है, जिनमें से 6,158 गोदाम पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं। इससे राज्य में करीब 16.91 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता सृजित की गई है।

836 गोदामों का निर्माण कार्य अभी प्रगति पर है। गोदाम बनने से किसानों को अपनी फसल के सुरक्षित भंडारण की सुविधा मिलेगी, जिससे वे बेहतर कीमत पर अपनी उपज बेच सकेंगे। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।

भंडारण क्षमता और लागत का निर्धारण

योजना के तहत 200, 500 और 1000 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। गोदाम निर्माण के लिए कुल लागत का 50% अनुदान के रूप में और शेष 50% चक्रीय पूंजी (ब्याज सहित) के रूप में दिया जाता है, जिसे 10 वर्षों में 20 अर्द्धवार्षिक किस्तों में लौटाना होगा।

गोदामों की संशोधित निर्माण लागत इस प्रकार है:

  • 1,000 मीट्रिक टन क्षमता वाला गोदाम : ₹72.67 लाख
  • 500 मीट्रिक टन क्षमता वाला गोदाम : ₹34.59 लाख
  • 200 मीट्रिक टन क्षमता वाला गोदाम : ₹17.12 लाख

पारदर्शिता और गुणवत्ता पर खास ध्यान

गोदाम निर्माण की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और गुणवत्ता-सम्पन्न बनाने के लिए

  • जिला स्तर पर निगरानी की जा रही है।
  • निर्माण कार्य की निरीक्षण रिपोर्ट अभियंताओं द्वारा तैयार की जाती है।
  • सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी स्थलों का नियमित दौरा करते हैं।
  • धनराशि 4 चरणों में जारी की जाती है, जिसमें प्रत्येक चरण में निर्माण मानकों का पालन अनिवार्य है।

भविष्य की दिशा

इस योजना के ज़रिए किसानों को फसल भंडारण की सुविधा मिलने से उन्हें अपनी उपज को बेहतर दाम मिलने तक सुरक्षित रखने का अवसर मिलेगा। साथ ही, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में भी यह योजना अहम भूमिका निभा रही है।


 

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