पटना, 8 जून।बिहार की महिलाएं अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं, बल्कि उद्योग जगत में भी अपनी मजबूत पहचान बना रही हैं। राज्य सरकार की मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक प्रभावी पहल साबित हो रही है।
इस योजना के तहत अब तक 8787 महिला उद्यमियों को 608.91 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। इससे महिलाओं ने अपने व्यवसाय की शुरुआत कर न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर दिए हैं।
योजना की खास बातें
- महिलाओं को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की परियोजना राशि दी जाती है।
- इसमें से 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपये) ब्याज मुक्त ऋण के रूप में प्रदान किया जाता है, जिसे 7 वर्षों में लौटाना होता है।
- इसके साथ 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपये) तक का अनुदान भी महिला उद्यमी को मिलता है।
- योजना के लाभार्थियों को व्यवसाय शुरू करने, उसे चलाने के लिए प्रशिक्षण, मार्केटिंग, बिजनेस सलाहकार सेवा और अन्य सहयोग भी दिया जाता है।
इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा महिलाएं आगे
योजना के तहत महिलाओं ने रेडीमेड गारमेंट्स, आटा-सत्तू-बेसन निर्माण, नोटबुक और कॉपी बनाने जैसे छोटे और मझौले व्यवसाय में सबसे अधिक रुचि दिखाई है। ये उद्योग स्थानीय मांग पूरी करने के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण इलाकों में रोजगार भी दे रहे हैं।
ट्रांसजेंडर समुदाय को भी योजना का लाभ
इस योजना की एक खास बात यह है कि इसका लाभ महिलाओं के साथ ट्रांसजेंडर समुदाय को भी दिया जा रहा है।
अन्य योजनाओं में भी महिलाओं को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के अलावा, बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत 10963 महिला उद्यमी और बिहार स्टार्टअप नीति के अंतर्गत 226 महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी पहल
उद्योग विभाग की ये योजनाएं राज्य में महिला सशक्तिकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही हैं। इससे महिलाओं को समाज में अपनी पहचान बनाने, आर्थिक रूप से सशक्त बनने और अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करने का अवसर मिला है।