पटना। उत्तर बिहार के गोपालगंज, सिवान और सारण जिलों के किसानों के लिए अच्छी खबर है। पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली के पुनरुद्धार एवं लाइनिंग (ई.आर.एम योजना) का कार्य तेज़ी से प्रगति पर है। इस बहुप्रतीक्षित योजना के तहत तीनों जिलों में सिंचाई सुविधा का विस्तार कर कृषि उत्पादन में वृद्धि और किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है।
कितनी भूमि होगी सिंचित?
ई.आर.एम योजना के तहत कुल ₹2061.82 करोड़ की लागत से
- 1.58 लाख हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता
- 1.47 लाख हेक्टेयर की पूर्ववर्ती सिंचाई क्षमता का पुनरुद्धार किया जाना है।
अब तक 99,300 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता का पुनरुद्धार और 74,900 हेक्टेयर भूमि में नई सिंचाई क्षमता का सृजन पूरा किया जा चुका है।
कहां-कहां होंगे किसान लाभान्वित?
योजना पूर्ण होने पर गोपालगंज, सिवान और सारण जिलों के लगभग 60 से अधिक प्रखंडों के किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। इनमें गोपालगंज के कुचायकोट, पंचदेवरी, भोरे, फुलवरिया, मांझा, सिवान के नौतन, लकड़ीनबीगंज, दरौधा, महाराजगंज और सारण के मशरक, तरैया, अमनौर, छपरा सहित कई प्रखंड शामिल हैं।
9 समूहों में हो रहा कार्य, 8 में तेज़ प्रगति
इस योजना को 9 समूहों में विभाजित कर क्रियान्वित किया जा रहा है। वर्तमान में 8 समूहों में कार्य तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत नहरों की सफाई, पुरानी संरचनाओं का पुनर्निर्माण, नई संरचनाओं का निर्माण और नहर लाइनिंग का कार्य किया जा रहा है।
कृषि विकास को मिलेगी रफ्तार
योजना के पूरी तरह लागू होने से इन क्षेत्रों में खेती निर्भरता मानसून पर कम होगी और कृषि उत्पादन में निरंतरता बनी रहेगी। किसानों को वर्ष भर आसानी से खेतों तक पानी मिलेगा, जिससे सिंचित क्षेत्र बढ़ेगा और फसल विविधता का लाभ भी मिलेगा।