
पटना, 21 जून।बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही “मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना” के तहत राज्य में कुशल ड्राइवर तैयार करने की दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है। योजना के तहत 38 में से 37 जिलों (औरंगाबाद को छोड़कर) में 66 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किए जाने हैं। इनमें से 29 जिलों में 34 स्कूल शुरू हो चुके हैं, जबकि 32 स्कूलों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और सड़क सुरक्षा लक्ष्य
परिवहन विभाग के अनुसार, इन स्कूलों का मुख्य उद्देश्य चालकों को प्रशिक्षित कर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है। योजना के तहत प्रत्येक स्कूल को अधिकतम ₹20 लाख तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है, जिससे निजी क्षेत्र में भी इन संस्थानों की स्थापना को बढ़ावा मिल रहा है।
अनुदान की विस्तृत संरचना
सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान में शामिल हैं:
- भवन निर्माण के लिए ₹5 लाख
- ड्राइविंग ट्रैक के लिए ₹5 लाख
- उपकरण खरीद के लिए ₹2 लाख
- दो हल्के मोटर वाहनों के लिए ₹4 लाख
- चार पहिया वाहन के लिए ₹2 लाख
- संस्थान शुरू होने पर अतिरिक्त ₹2 लाख
यह राशि स्कूल लागत का 50% या अधिकतम ₹20 लाख तक दी जाती है।
ड्राइविंग स्कूल के लिए तय मापदंड
प्रशिक्षण संस्थान खोलने के इच्छुक व्यक्तियों/संस्थाओं को कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होगा:
- कम से कम दो एकड़ भूमि, जो सड़क से जुड़ी हो और 10 साल की लीज पर हो
- संस्थान में क्लासरूम, स्टाफ रूम, वर्कशॉप, पुरुष व महिला शौचालय, स्वच्छ जल, इंटरनेट, सीसीटीवी, बिजली कनेक्शन और 150 मीटर लंबा ड्राइविंग ट्रैक होना अनिवार्य है।
- योग्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य है।
इन संस्थानों में हल्के, भारी एवं खतरनाक सामग्री ढोने वाले वाहनों के चालकों, सेवा में कार्यरत चालकों और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को भी सुधारात्मक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा
यह योजना न केवल राज्य में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाएगी, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी खोलेगी। सरकार के इस प्रयास से ड्राइवरों की कमी दूर करने के साथ-साथ प्रशिक्षित चालकों की संख्या भी बढ़ेगी, जिससे पूरे राज्य को लाभ मिलेगा।