
पटना, जून। बिहार सरकार के उद्योग विभाग के अंतर्गत उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान (UMSAS) ने राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। संस्थान की ओर से जुलाई से सितंबर तक चलने वाले तीन माह के निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस योजना के तहत चयनित अभ्यर्थियों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ आवास व भोजन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
18 पारंपरिक हस्तशिल्पों में मिलेगा प्रशिक्षण
इस योजना के तहत कुल 400 प्रशिक्षुओं का चयन किया जाएगा जिन्हें बिहार की पारंपरिक हस्तकलाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन हस्तशिल्पों में मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, टेराकोटा, अप्लिक कशीदाकारी, ब्लॉक प्रिंटिंग सहित 18 कोर्स शामिल हैं।
प्रशिक्षण लाभ
- तीन महीने का बेसिक प्रशिक्षण और तीन महीने का उच्च प्रशिक्षण – पूरी तरह निःशुल्क
- प्रशिक्षण अवधि में प्रति माह ₹1000 छात्रवृत्ति
- पटना नगर निगम क्षेत्र के बाहर की महिलाओं को अतिरिक्त ₹1500 मासिक सहायता
- बाहरी पुरुष अभ्यर्थियों को आवास और भोजन हेतु ₹2000 प्रतिमाह (उपस्थिति के आधार पर)
प्रवेश प्रक्रिया व तारीख
प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा/साक्षात्कार का आयोजन 23 जून को सुबह 11:00 बजे संस्थान परिसर, पटना में किया जाएगा। इच्छुक युवक-युवतियां संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट www.umsas.org.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
संस्थान की पहल
उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान वर्षों से बिहार की पारंपरिक कलाओं को संरक्षित और प्रचारित करने में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। यह योजना न केवल राज्य के युवाओं को रोजगार योग्य बनाने का कार्य करेगी, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत को भी नई पहचान देगी।