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पटना — बिहार की राजनीति में उस समय हलचल तेज हो गई जब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जातिगत जनगणना और नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर बड़ा बयान दे दिया। उनके इस बयान ने एनडीए के अंदर सियासी समीकरणों को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।

जातिगत जनगणना का श्रेय मोदी को

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए चिराग ने कहा, “अगर पूरे देश में जातिगत जनगणना संभव हो सकी है, तो इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति को जाता है।” उन्होंने इसे अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के विचारों की पूर्ति बताया और यह भी कहा कि उनकी राजनीतिक प्राथमिकता बिहार है, न कि केंद्र।

नीतीश कुमार को लेकर बढ़ी बयानबाजी

उनके इस बयान के तुरंत बाद जेडीयू नेता नीरज कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा, “चिराग बिहार में रहकर एनडीए के लिए प्रचार करेंगे ताकि नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बनें।” वहीं, जेडीयू का नारा — “25 से 30, फिर से नीतीश” — एक बार फिर गूंजने लगा।

आरजेडी का आरोप: चिराग और बीजेपी मिलकर नीतीश को कर रहे हैं साइडलाइन

आरजेडी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चिराग पासवान और बीजेपी का मकसद नीतीश कुमार को साइडलाइन करना है। आरजेडी प्रवक्ताओं ने कहा कि यह सब एक “सक्रिय योजना” का हिस्सा है, जिसमें चिराग को आगे कर नीतीश की राजनीतिक पकड़ को कमजोर किया जा रहा है।

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर हमला

चिराग ने विपक्षी दलों को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “तीन-तीन प्रधानमंत्री होने के बावजूद इन्होंने जातिगत जनगणना नहीं कराई। आज सिर्फ श्रेय लेने की होड़ है।”

तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद को भी घेरा

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए चिराग ने पूछा कि जब उनके पास बहुमत था, तो उन्होंने जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई? उन्होंने कहा कि यह सर्वे नीतीश कुमार के कार्यकाल में हुआ, लेकिन नेतृत्व और समर्थन प्रधानमंत्री मोदी का था।


 

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