नई दिल्ली, 7 मई 2025 – गृह मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 1971 के बाद पहली बार देशभर के 244 जिलों में एक व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपदा और आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों और संबंधित एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को जांचना और मजबूत करना है।
इस मॉक ड्रिल की तैयारियों के लिए दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें योजना के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। इस बैठक में केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों के अलावा आपदा प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया।
क्या होता है सिविल डिफेंस?
सिविल डिफेंस (Civil Defence) का उद्देश्य किसी आपदा, युद्ध या अन्य आपातकालीन स्थिति में नागरिकों की रक्षा करना, राहत कार्यों को समन्वित करना और जीवन व संपत्ति की हानि को कम करना होता है। इसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वयंसेवक और अन्य एजेंसियों को एकजुट कर एक कार्यनीति तैयार की जाती है।
कैसे चुने जाते हैं सिविल डिफेंस जिले?
सिविल डिफेंस के लिए जिलों का चयन गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न मानकों के आधार पर किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- जिले की भौगोलिक स्थिति और जोखिम स्तर (जैसे भूकंप, बाढ़, औद्योगिक क्षेत्र)
- जनसंख्या घनत्व और शहरीकरण की स्थिति
- रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान
- पूर्व में हुई आपदाओं का रिकॉर्ड और संभावनाएं
इन मानकों को ध्यान में रखते हुए देशभर से 244 जिले चुने गए हैं, जहां इस मॉक ड्रिल को आयोजित किया जाएगा।
इस मॉक ड्रिल का क्या होगा फायदा?
- आपातकालीन स्थितियों में समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की क्षमता का आकलन
- संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय और सहयोग की मजबूती
- आम नागरिकों में जागरूकता और प्रशिक्षण का प्रसार
- देश की आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और सशक्त बनाना
यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी को परखने का अवसर होगी, बल्कि देश को भविष्य में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए बेहतर तैयार करेगी।