भागलपुर। श्रद्धा और आस्था का पर्व वट सावित्री व्रत इस बार सोमवार, 26 मई को मनाया जाएगा। पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखे जाने वाले इस व्रत को लेकर सुहागिनों में खास उत्साह देखा जा रहा है। बाजारों में सौलह शृंगार और पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर रौनक बढ़ गई है, वहीं बुटीक और साड़ी दुकानों में भीड़ उमड़ रही है।
जय विहार निवासी अमृता सिंह ने बताया, “मैं पिछले 15 वर्षों से व्रत कर रही हूं। बुटीक वाले अक्सर कपड़े समय पर नहीं देते, इसलिए तैयारी अभी से शुरू कर दी है।” वहीं इशाकचक की रूपा मिश्रा ने बताया कि इस बार वह विशेष तैयारी कर रही हैं और जल्दी ही पूजन सामग्री की खरीदारी करेंगी।
कुपेश्वर महादेव मंदिर के पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं को इसकी विधि, नियम और आवश्यक पूजन सामग्री की पूर्व जानकारी होनी चाहिए। वटवृक्ष की पूजा में बांस का पंखा, गंगाजल, रोली, मौली, कच्चा सूत, आम, लीची, मिठाई आदि सामग्री का प्रयोग किया जाता है।
पूजन मुहूर्त की बात करें तो:
- मिथिला पंचांग के अनुसार: सुबह 11:02 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
- बनारसी पंचांग के अनुसार: सुबह 11:25 बजे से अपराह्न 4:25 बजे तक
मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलाएं वटवृक्ष की पूजा कर यमराज से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। साथ ही, महिलाएं अपने पतियों की भी पूजा करती हैं। यह परंपरा वर्षों से आस्था के साथ निभाई जा रही है।