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बिहार की धरती से निकली वैचारिक गूंज अब हार्वर्ड तक

ByLuv Kush

मई 7, 2025
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बिहार की साहित्यिक और वैचारिक परंपरा को नई ऊंचाई देते हुए लेखक और चिंतक मिथिलेश कुमार सिंह की पुस्तक ‘अंबेडकर, इस्लाम और वामपंथ’ ने वैश्विक बौद्धिक मंचों पर प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। यह पुस्तक हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुई है और इसे न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका की शीर्ष यूनिवर्सिटियों – हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, पेंसिलवेनिया, और नॉर्थ कैरोलिना, चैपल हिल जैसी संस्थाओं की लाइब्रेरी में भी स्थान मिला है।

बिहार की वैचारिक परंपरा को मिला नया मुकाम

मिथिलेश कुमार सिंह की यह कृति सामाजिक न्याय, धर्म, और वामपंथी विचारधारा के अंतर्संबंधों पर केंद्रित है। लेखक ने इस पुस्तक के माध्यम से डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों का गहन विश्लेषण करते हुए इस्लाम और वामपंथ के साथ उनके रिश्तों को वैचारिक धरातल पर परखा है। पुस्तक न केवल ऐतिहासिक संदर्भों को उजागर करती है, बल्कि समकालीन राजनीति में भी इसके विचार प्रासंगिक प्रश्न उठाते हैं।

प्रशासनिक और शैक्षणिक संस्थानों ने दी मान्यता

भारत सरकार के सर्वोच्च प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी ने इस पुस्तक को अपने पुस्तकालय में शामिल किया है। इसके अलावा, आईसीएचआर, एआईसीटीई, गोवा सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने भी इसे संग्रहित किया है।

लेखक की प्रतिक्रिया

गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय में सहायक कुलसचिव के पद पर कार्यरत मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा, “यह सम्मान केवल मेरी नहीं, बल्कि उस सामाजिक चेतना की स्वीकृति है जिसे अंबेडकर, इस्लाम और वामपंथ जैसे विचार प्रवाह पोषित करते हैं। इस पुस्तक की वैश्विक स्वीकृति इस बात का प्रमाण है कि भारत के सामाजिक मुद्दे अब वैश्विक विमर्श का हिस्सा बन चुके हैं।”

क्या है पुस्तक की विशेषता?

  • अंबेडकर के दृष्टिकोण को इस्लाम और वामपंथ के साथ संवाद में प्रस्तुत करना
  • जोगेन्द्रनाथ मण्डल जैसे समकालीन व्यक्तित्वों से तुलनात्मक अध्ययन
  • वर्ग, धर्म और जाति आधारित संरचनाओं को समझने का प्रयास
  • आज की राजनीति में अंबेडकर को लेकर हो रहे दावों का तर्कपूर्ण खंडन

विश्व के प्रतिष्ठित संस्थानों में मिली जगह:

  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया (UPenn)
  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना, चैपल हिल (UNC)
  • LBSNAA, मसूरी
  • गोवा सेंट्रल यूनिवर्सिटी
  • भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR)
  • अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE)

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