नई दिल्ली। विदेश सचिव ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया है। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या की गई थी।
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों का हाथ
विदेश सचिव के अनुसार, इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उससे जुड़े रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का हाथ है। टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। भारत ने पहले ही संयुक्त राष्ट्र और 1267 Committee को टीआरएफ के बारे में विस्तृत इनपुट दिए थे।
भारत की कार्रवाई – ऑपरेशन सिंदूर
विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर नपी-तुली, नॉन-एस्केलेटरी और जिम्मेदाराना कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य आतंकी ठिकानों को निष्क्रिय करना था। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने अब तक अपने क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव और पाकिस्तान की भूमिका
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 25 अप्रैल के बयान का हवाला देते हुए कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। इसके बावजूद, पाकिस्तान ने इनकार और झूठी बयानबाजी का ही सहारा लिया।
आने वाले हमलों के संकेत
विदेश सचिव ने बताया कि भारत की खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मॉड्यूल्स की सक्रियता के संकेत मिले हैं, जो भारत के विरुद्ध और हमले कर सकते हैं। इसलिए ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई समयोचित और आवश्यक थी।