बीहार विधानसभा चुनाव 2025 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव का एनडीए पर हमला — बोले, “एनडीए बिहार को गिरवी रखना चाहता है”
सीवान, 3 नवंबर 2025:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ तीन दिन शेष हैं, और चुनावी सरगर्मी चरम पर पहुंच चुकी है।
सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीवान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि एनडीए बिहार को गिरवी रखना चाहता है, जबकि तेजस्वी यादव के रोजगार और महिलाओं को सम्मान देने के वादे से वे घबराए हुए हैं।
“बिहार को गिरवी रखना चाहता है एनडीए”
पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा —
“एनडीए बिहार को गिरवी रखना चाहता है। वे घबराए हुए हैं। तेजस्वी यादव के नौकरी देने और 2500 महिलाओं को सम्मान देने के वादे से वे चिंतित हैं। इस बार बिहार की जनता समरसता चुनेगी। बीजेपी ‘गप्पू’ का मामला है। उन्होंने कहा था कि वे चांद पर ज़मीन देंगे, बैंक खाते में 15 लाख रुपये डालेंगे और करोड़ों नौकरियां देंगे।”
उन्होंने आगे कहा,
“ये वो लोग हैं जिन्हें अमेरिका ने चोट पहुंचाई है। अमेरिका इन्हें डरा रहा है, इसलिए ये ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं ताकि चुनावों में नाकामी पर बहस न हो। बीजेपी के पास बड़े ‘गप्पू’ और उनके ‘चप्पू’ हैं। हमें बिहार को ‘गप्पू’ और ‘चप्पू’ से बचाना है।”
“रोज़गार कभी बीजेपी का एजेंडा नहीं रहा”
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा —
“रोज़गार कभी भी बीजेपी का एजेंडा नहीं रहा। यही कारण है कि बिहार और उत्तर प्रदेश से लगातार पलायन हो रहा है। हर घर में सरकारी नौकरी क्यों नहीं हो सकती? जब मैंने 14,000 करोड़ रुपये का एक्सप्रेसवे बनाया, तो बीजेपी ने कहा कि यह संभव नहीं है। लेकिन वही एक्सप्रेसवे आज प्रधानमंत्री के उपयोग में आ रहा है। क्या बीजेपी ने कोई ऐसा हाईवे बनाया है?”
मोकामा हत्याकांड पर भी साधा निशाना
सपा अध्यक्ष ने हाल ही में मोकामा में हुई हत्या की घटना को लेकर भी भाजपा सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा —
“अगर भारी सुरक्षा तैनाती के बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं, तो यह सोचने वाली बात है कि राज्य में ‘जंगल राज’ है या ‘मंगल राज’।”
राजनीतिक संदेश स्पष्ट
अखिलेश यादव के बयानों से स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी राजद के नेतृत्व में विपक्षी एकता को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है और एनडीए पर आक्रामक रुख बनाए हुए है।
सीवान की इस सभा में उनके निशाने पर मुख्य रूप से भाजपा और जदयू गठबंधन रहा।