
पटना | 20 जुलाई 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को “लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला” करार देते हुए देश के 35 प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखकर समर्थन मांगा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को संचालित कर रहा है, जिससे लाखों मतदाता वोटिंग अधिकार से वंचित हो सकते हैं।
तेजस्वी का आरोप: “मतदाता सूचियों में चल रहा मनमाना संशोधन”
तेजस्वी यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य क्षेत्रीय दलों के नेताओं को लिखे पत्र में कहा:
“बिहार में SIR का तमाशा और त्रासदी बड़े पैमाने पर मताधिकार से वंचित करके लोकतंत्र की नींव हिला रही है। यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसे हर लोकतंत्र प्रेमी दल को मिलकर रोकना होगा।”
उन्होंने लिखा कि देश की हर नागरिक को अपने वोट पर गर्व है, लेकिन अब लाखों लोगों को “बिना गलती के वंचित और अपमानित” किया जा रहा है।
तेजस्वी ने पेश किए आंकड़े: 12 से 15% तक मतदाता होंगे प्रभावित
तेजस्वी यादव ने 16 जुलाई को जारी चुनाव आयोग के प्रेस नोट का हवाला देते हुए बताया कि:
- करीब 4.5% मतदाता ‘अपने पते पर नहीं मिलने’ के कारण हटा दिए गए हैं।
- इससे अलग 4% मतदाता मृतक या स्थानांतरित बताकर हटाए गए।
- स्वतंत्र पत्रकारों और विशेषज्ञों के अनुसार, कुल 12% से 15% वोटर मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और तेजस्वी का हवाला
तेजस्वी ने पत्र में सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी का भी हवाला दिया, जिसमें अदालत ने कहा था कि SIR का समय संदिग्ध है और प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। कोर्ट ने आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को वैध पहचान दस्तावेज के रूप में शामिल करने पर विचार करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
“महाराष्ट्र के बाद अब बिहार को निशाना”: तेजस्वी
तेजस्वी ने पत्र में लिखा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची में हेरफेर की आशंकाएं उठी थीं। अब वही साज़िश बिहार में दोहराई जा रही है। उन्होंने अन्य दलों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर चुप न रहें क्योंकि यह सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगा।
“अगर हम आज नहीं बोले, तो कल दूसरे राज्यों में भी मतदाता अधिकारों का हनन इसी तरह होगा।” — तेजस्वी यादव
क्या है SIR और क्यों मचा है बवाल?
SIR यानी Special Intensive Revision मतदाता सूची का एक विशेष पुनरीक्षण अभियान है, जिसमें BLO (Booth Level Officer) घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर चुनाव से पूर्व पारदर्शिता के लिए की जाती है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि चयनात्मक ढंग से विपक्षी मतदाताओं को सूची से हटाया जा रहा है।