पटना।गन्ना किसानों के लिए एक अहम सूचना! गन्ना उद्योग विभाग ने राज्य के किसानों को स्मट (कलिका रोग) और शीर्ष छिद्रक कीट (टॉप बोरर) के बढ़ते प्रकोप को लेकर सतर्क किया है। विभाग ने बचाव और नियंत्रण के उपाय बताते हुए एडवाइजरी जारी की है।
कलिका (स्मट) रोग का असर:
- यह गन्ने का प्रमुख फफूंद जनित रोग है।
- मार्च से जून के बीच ज्यादा तापमान (32-38°C) में तेजी से फैलता है।
- पत्तियां खजूर जैसी और फुनगी से काले चाबुकनुमा डंठल निकलते हैं।
- रस व चीनी की मात्रा में भारी गिरावट।
बचाव के उपाय:
- रोगग्रस्त गन्नों को प्लास्टिक बैग में निकाल कर नष्ट करें।
- प्रोपिकोनाजोल (1 ग्राम/लीटर पानी) का 15-20 दिन के अंतराल पर 2 बार छिड़काव करें।
- संक्रमित खेतों से अगली फसल का बीज न लें।
- फसल चक्र अपनाएं, ऐसे खेत में 2 साल तक गन्ना न उगाएं।
शीर्ष छिद्रक कीट (टॉप बोरर) का प्रकोप:
- गन्ने की पत्तियों की मध्य शिरा में छेद कर पौधे की बढ़वार रोकता है।
- इससे पौधे बंची टॉप का रूप ले लेते हैं।
नियंत्रण के उपाय:
- मसाले वाली फसलों की अंतरफसली खेती से असर कम।
- प्रकाश जाल (Light Trap) लगाकर कीटों की संख्या घटाएं।
ईख अनुसंधान संस्थान, पूसा के निदेशक के मुताबिक इस वर्ष पूरे बिहार में इन रोगों और कीटों का प्रकोप गंभीर है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे साप्ताहिक निगरानी करें और समय रहते उपाय अपनाएं।