Voice Of Bihar से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद
WhatsApp
Home Local YouTube Instagram
20250519 181607

मुजफ्फरपुर, 19 मई 2025: हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति के प्रचारक बाबा बागेश्वर धाम सरकार (पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री) एक बार फिर बिहार आ रहे हैं। इस बार वे मुजफ्फरपुर जिले के मधुबनी पताही फोरलेन स्थित चौसिमा गांव में आयोजित श्रीश्री 1008 विष्णु महायज्ञ में भाग लेंगे और 20 मई को हनुमान कथा का वाचन करेंगे। बाबा बागेश्वर इससे पहले पटना में कथा कर चुके हैं, जहां भारी भीड़ और राजनीतिक हलचलों ने आयोजन को राज्यव्यापी चर्चा का विषय बना दिया था।

इस महायज्ञ कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए देश के प्रसिद्ध भागवत कथावाचक पंडित अनिरुद्धाचार्य महाराज भी 22 से 27 मई तक प्रतिदिन शाम को यज्ञ स्थल पर भागवत कथा करेंगे।

कलश यात्रा से होगा महायज्ञ का शुभारंभ

यज्ञ की शुरुआत सोमवार को कलश यात्रा और पंचांग पूजन से होगी। मधुबनी स्थित पोखर के समीप शिव मंदिर से 1100 कन्याएं जलभरी कर यज्ञ स्थल तक जाएंगी। आयोजन में पहलेजा धाम से लाया गया गंगाजल भी उपयोग किया जाएगा।

दो लाख श्रद्धालुओं की व्यवस्था, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम

भारत सेवा संस्थान और जिला प्रशासन कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं। श्रद्धालुओं के लिए 700 फीट लंबा और 200 फीट चौड़ा पंडाल बनाया गया है, जिसमें दो लाख से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। भीड़ नियंत्रण, प्रवेश-निकास मार्ग, जल आपूर्ति, विश्राम गृह, शौचालय, चिकित्सा सुविधा सहित वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

एसडीएम ने यज्ञ स्थल का निरीक्षण कर बताया कि सुरक्षा को लेकर व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर पुलिस बल, सादी वर्दी में जवान, महिला पुलिसकर्मी, स्वयंसेवक, अग्निशमन सेवा, एम्बुलेंस, सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।

राजनीतिक हलकों में भी चर्चा

बाबा बागेश्वर के बिहार आगमन को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल है। पिछली बार पटना में आयोजित कथा में बीजेपी ने स्वागत किया था, जबकि राजद ने विरोध जताया था। ऐसे में इस बार भी कार्यक्रम के राजनीतिक प्रभावों पर नजर बनी हुई है।

राज्यभर से श्रद्धालु पहुंचने को तैयार

आयोजन समिति के अनुसार, दरभंगा, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा और नेपाल सीमा से भी श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यात्रा और पार्किंग की सुगमता के लिए अलग मार्ग-निर्देशन टीम और पार्किंग व्यवस्था की जा रही है।

यह आयोजन केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि बिहार में सनातन संस्कृति और हिंदू चेतना के पुनर्जागरण का प्रतीक बनता जा रहा है। जनसहयोग और प्रशासनिक सक्रियता से यह कार्यक्रम राज्य के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक बनने की ओर अग्रसर है।


 

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें