
सुलतानगंज (भागलपुर)। श्री उदासीन पंचायती अखाड़ा बड़़ा के अंतर्गत आत्मादास ठाकुरबाड़ी से करोड़ों रुपये मूल्य की अष्टधातु की मूर्तियां और बहुमूल्य जेवरात चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में ठाकुरबाड़ी के नवनियुक्त महंत ने सुलतानगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में पूर्व महंत कश्यपदास और पूर्व प्रबंधक नरेंद्र प्रताप चौधरी को आरोपी बनाया गया है।
नवनियुक्त महंत के अनुसार, पूर्व महंत ने अखाड़े की अनुमति के बगैर नरेंद्र प्रताप चौधरी को प्रबंधक और उसके छोटे भाई को उपप्रबंधक नियुक्त किया था। दोनों ने मिलकर ठाकुरबाड़ी की अष्टधातु की बहुमूल्य मूर्तियां और जेवरात गायब कर दिए, जिनमें हीरे जड़े मुकुट और भगवान ठाकुर जी एवं गणेश जी की मूर्तियां शामिल हैं। आरोप है कि ये आभूषण और मूर्तियां बेच भी दी गई हैं।
मठ की संपत्ति भी गिरवी रखने का आरोप
महंत ने यह भी आरोप लगाया कि मठ की भूमि और भवनों को भी गिरवी रखकर व्यक्तिगत लाभ उठाया गया। जांच में यह बात सामने आई कि संपत्ति का हस्तांतरण फर्जी तरीके से किया गया और लाखों-करोड़ों की संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है। ठाकुरबाड़ी समिति ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच समिति गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट में पूर्व महंत और प्रबंधक दोषी पाए गए।
एफआईआर दर्ज, धमकी मिलने का भी आरोप
मठ के महंत ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि उन्हें प्रबंधक नरेंद्र प्रताप चौधरी की ओर से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। महंत ने आशंका जताई कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
मर्यादा भंग करने का आरोप, सावन में कांवड़ियों के लिए संकट
नवनियुक्त महंत ने यह भी बताया कि ठाकुरबाड़ी के ऊपर के हिस्से पर पूर्व प्रबंधक का परिवार कब्जा जमाए हुए है। उनका आरोप है कि मंदिर परिसर में महिलाओं और पालतू कुत्तों का प्रवेश कराया गया, जिससे ठाकुरबाड़ी की मर्यादा और आस्था को ठेस पहुंची है। हर वर्ष सावन माह में सैकड़ों कांवड़िए यहां ठहरते हैं, लेकिन इस बार उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्थाएं भी संकट में पड़ गई हैं।
समिति ने किया निष्कासन, जांच रिपोर्ट में खुलासा
ठाकुरबाड़ी समिति ने महंत और प्रबंधक को संस्था से निष्कासित कर दिया है। जांच रिपोर्ट में दोनों को दोषी पाया गया है और सभी चाबियों को जब्त कर लिया गया है। स्थानीय लोगों ने भी समिति के समक्ष इन दोनों के “काले कारनामों” को उजागर किया।
नवनियुक्त महंत की अपील
नवनियुक्त महंत ने जनता और प्रशासन से अपील की है कि ठाकुरबाड़ी की परंपरा, मर्यादा और संपत्ति को बचाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक मंदिर नहीं, आस्था और सेवा का केंद्र है। सावन में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह स्थान हमेशा आश्रय स्थल रहा है, जिसे किसी भी हालत में नष्ट नहीं होने दिया जाएगा।