
भागलपुर/पटना, 13 मई 2025:बिहार, जो कभी राजनीतिक आंदोलनों और सामाजिक क्रांति की भूमि के रूप में जाना जाता था, अब एक खेल क्रांति की नई कहानी लिख रहा है। इसकी झलक मिली खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के दौरान, जब भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड के नवनिर्मित इंडोर स्टेडियम में आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता ने राष्ट्रीय स्तर पर बिहार की बदलती खेल पहचान को मजबूती दी।
पूर्व अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी विवेक श्रॉफ, जो इस प्रतियोगिता में कंपीटिशन डायरेक्टर की भूमिका निभा रहे हैं, सैंडिस कंपाउंड में चार अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन कोर्ट को देखकर अभिभूत नजर आए। उन्होंने कहा, “मैं पहली बार बिहार आया हूं और यहां की खेल सुविधाएं देख कर pleasantly surprised हूं। यह बदलाव एक चुपचाप उभरती खेल क्रांति का प्रमाण है।”
विवेक श्रॉफ ने कहा कि बैडमिंटन अब सिर्फ अभिजात वर्ग का खेल नहीं रहा। बिहार सरकार द्वारा मुहैया कराई गई सुविधाओं ने इसे समाज के हर वर्ग के बच्चों के लिए सुलभ बना दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि यह जज्बा बरकरार रहा, तो आने वाले वर्षों में बिहार के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन करेंगे।
खिलाड़ियों ने क्या कहा?
उत्तर प्रदेश की खिलाड़ी स्नोवी गोस्वामी ने कहा कि “यहां की सारी सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर की हैं। कोर्ट, आयोजन, खानपान सभी बेहतरीन हैं।”
तमिलनाडु की अनन्या ने भी बिहार आकर सकारात्मक अनुभव साझा करते हुए कहा, “यहां आकर बहुत अच्छा लगा। पहली बार बिहार आई हूं और ऐतिहासिक स्थलों को देखने की इच्छा है।”
बिहार के रणवीर सिंह, जो बालक वर्ग में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने कहा कि “सरकार की ओर से मिल रही सुविधाएं हमारे लिए हौसला बढ़ाने वाली हैं। अब हमारा सपना है कि बिहार के लिए पदक जीतें।”
वहीं, उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी इशमीत सिंह ने कहा, “खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग लेना गर्व की बात है। यह एक प्रेरणादायक अनुभव है।”
खेलों से रोजगार तक
विवेक श्रॉफ ने “पदक लाओ, नौकरी पाओ” जैसी सरकार की पहल की सराहना की और कहा कि “जब हुनर को रोज़गार से जोड़ा जाता है, तब खेलों के लिए आदर्श माहौल बनता है।”
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के साथ बिहार न केवल खेल आयोजन की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, बल्कि नई पीढ़ी के लिए उम्मीद और अवसर की ज़मीन भी तैयार कर रहा है। 15 मई को इन खेलों का समापन होगा, लेकिन इसकी गूंज लंबे समय तक राज्य की खेल संस्कृति में सुनाई देगी।